अमेरिका ने भारतीय नौसेना के पराक्रम की सराहना की, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग होगा और मजबूत
भारतीय नौसेना के अद्वितीय पराक्रम को देखकर अमेरिका ने उसकी जमकर सराहना की है और इसके साथ ही भारत के साथ मिलकर काम करने की घोषणा की है। हाल के महीनों में समुद्र में हुए कई हमलों के दौरान भारतीय नौसेना ने लुटेरों और हमलावरों से विदेशी जहाजों की सुरक्षा कर दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। भारतीय नौसेना के इस पराक्रम ने अमेरिका को प्रभावित किया है, जिससे उसने भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान इस सहयोग की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों एक-दूसरे के अनुभवों से लाभ उठाने के इच्छुक हैं। राजनाथ सिंह ने अमेरिका के मैरीलैंड स्थित नौसैन्य सतह युद्ध सामग्री केंद्र का दौरा किया और वहां हो रहे महत्वपूर्ण प्रयोगों का निरीक्षण किया।
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भी इस सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता और खुलेपन के साझा दृष्टिकोण को समर्थन करते हैं और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, अमेरिका ने भारत को ‘एंटी सबमरीन वारफेयर सोनोबॉयज़’ उपकरण देने की मंजूरी दी है, जो भारत की पनडुब्बी रोधी क्षमता को और बढ़ाएगा। दोनों देशों के बीच यह रक्षा सहयोग वैश्विक सुरक्षा को एक नई दिशा देगा, जिससे भारत की समुद्री ताकत और भी मजबूत होगी।
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