लापरवाही: हादसों को दावत दे रहे डिवाइडर पर लगे ऑब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड
Sandesh Wahak Digital Desk/Shobhit Shukla: राजधानी की सड़कों पर बने डिवाइडर मौत के मुहाने बनकर हादसे को दावत दे रहे है। डिवाइडर पर सांकेतिक निशान व ऑब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड (पथ संकेतक) के अव्यवस्थित लगे होने से रोजाना वाहनों की टक्कर होना अब आम बात हो गई है। लिहाजा लाखों रुपए खर्च कर सुरक्षा के लिए बनाए गए डिवाइडर जानलेवा बन गये हैं। आए दिन बस, ट्रक, ट्रैक्टर कार और बाइक की टक्कर डिवाइडर से होने पर लोग चोटिल हो रहे हैं। इन दुर्घटनाओं के बाद भी सुरक्षा को लेकर प्रशासन सख्त नहीं दिख रहा है।
राजधानी के वीवीआईपी रोड पर सुरक्षित यातायात के पुख्ता इंतजाम नहीं है। यहां बीते दो महीना से डिवाइडर पर लगा रिफ्लेक्टर हैजर्ड विपरीत दिशा की ओर मुड़ गया है। लेकिन जिम्मेदारों की नजर इस पर नहीं पड़ रही है।
शहरभर की तमाम सड़कों की स्थिति जस की तस
वहीं हैजर्ड का व्यवस्थित तरीके से न लगा होना राहगीरों व वाहन चालकों के लिए मुसीबत बना हुआ है। शहर के आईटी चौराहे पर लगा खतरे से बचाने वाला आब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड टेढ़ा होकर स्वयं वाहन चालकों के लिए खतरा बना है। इसी तरह रजमन ओवरब्रिज पुलिस चौकी साइड पर लगा हैजार्ड खतरा बना हुआ है। यहां पर पुल कर्वनुमा है।
दिलकुशा से रजमन पुल के बीच पुलिया पर संकेतक व आब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड नहीं लगा है। अहिमामऊ ओवर ब्रिज से पहले रखे गये जर्सी बैरियर पर आब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड नहीं होने से रात्रि में वाहन चालकों को हादसे का खतरा बना रहता है। कुछ ऐसा ही हाल इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे और दुबग्गा चौराहे से लेकर बालागंज के मध्य का है।
सही दिशा में लगना चाहिए आब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड
इस संबंध में जानकार बताते है कि सडक़ दुघर्टनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नेशनल हाईवे, स्टेट हाइवे और जिले के प्रमुख मार्ग पर डिवाइडर के प्रारम्भिक विंदु पर आब्जेक्ट मार्कर हैजर्र्ड सही दिशा में लगा होना चाहिए। जिससे दाहिने और सामने से आने वाले वाहन चालक के लिए पीले रंग की रिफ्लेक्टर पट्टी बायीं ओर नीचे की तरफ होगी।
चूंकि रात्रि में वाहन का प्रकाश आब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड पर पड़ते ही नीचे की ओर प्रकाश लम्बी दूरी तक जाने का संकेत करता है। इसके विपरीत आब्जेक्ट मार्कर हजार्ड लगे होने से रात्रि में वाहन चालक भ्रमित होकर विपरीत दिशा में चला जाता है। जिससे सडक़ दुघर्टनाएं होती रहती है।
ऑब्जेक्ट मार्कर हैजर्ड की लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम व एलडीए की होती है। जिसके लिए उन्हें पत्राचार के माध्यम से सूचना दी जाएगी।
सलमान ताज पाटिल, डीसीपी ट्रैफिक
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