69000 Shikshak Bharti: केशव मौर्य और अनुप्रिया के ट्वीट से बढ़ी हलचल, कल यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक
UP 69000 Shikshak Bharti News: यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में नया ट्वीट कर सियासी हलचल तेज कर दी है। उन्होंने इसका स्वागत कर पिछड़े वर्ग के हितों को लेकर राजनीतिक मुहिम तेज करने का संकेत दिया है। बीजेपी में शीर्ष स्तर पर खामोशी के बीच केशव की यह प्रतिक्रिया आई है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार पर फिर निशाना साधा है।
उच्च न्यायालय के फैसले के बाद यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक
उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक 18 अगस्त को आयोजित की गई है। शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ कल मुख्यमंत्री बैठक करेंगे। 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर मंथन किया जाएगा। बैठक में शिक्षा मंत्री समेत विभाग के सभी अफ़सर उपस्थिति रहेंगे। इस मीटिंग में तय होगा कि सरकार हाईकोर्ट के फ़ैसले को लागू करेगी या सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।
शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) August 17, 2024
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यूपी में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन सूची को रद्द करते हुए नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिए हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया आई है। केशव मौर्य ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि,’शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं’।
69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई।
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) August 16, 2024
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने फैसले का किया स्वागत
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (एस) प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई।
69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नयी सूची…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 16, 2024
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएँगे। ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएँ!
क्या है विवाद?
यूपी में वर्ष 2018 दिसंबर में कुल 69000 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकला था। इस भर्ती के तहत साल 2019 में 4 लाख 10 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। 2020 में इस परीक्षा रिजल्ट आया और 1 लाख 47 हजार एग्जाम में पास हुए थे। इनमें आरक्षित वर्ग के एक लाख 10 हजार अभ्यर्थी थे। अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द करने का आदेश दिया है। यूपी सरकार ने भर्ती नियमानुसार होने की बात कही थी। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब यूपी सरकार को तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा गया है।
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