UP Corruption: कोड वर्ड के जरिए चमक रहा करोड़ों की अवैध वसूली का धंधा

आलू ही नहीं इत्र, ट्रॉली, चाय और मूंगफली समेत कई नाम घूसखोरी के लिए बटोर रहे सुर्खियां

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में ऊपरी चढ़ावे के लिए अलग अलग जिलों में गुप्त कोड वर्ड का इस्तेमाल बखूबी किया जा रहा है। इस खेल में खुद पुलिसकर्मी भी लिप्त हैं।

अवैध वसूली का उदाहरण हाल ही में बलिया में नजर आया था। जहां इस खेल में सिपाही से लेकर बड़े अफसर तक शामिल निकले। प्रतिमाह ट्रकों से करोड़ों की वसूली हो रही थी। डायरी में लिखे कोड वर्ड जांच में पकडे गए थे। इसी तरह कन्नौज में दरोगा ने रिश्वत के लिए आलू कोड वर्ड का इस्तेमाल किया। अवैध खनन के धंधे में भी खुलेआम इसी अंदाज में कोड वर्ड के सहारे वसूली होती है।

वसूली के लिए इत्र की शीशी शब्द का इस्तेमाल

दरअसल कन्नौज में ट्रॉली, चाय और मूंगफली का कोड खूब सुर्खियां बटोर रहा है। यही नहीं जिस इत्र के लिए कन्नौज दुनिया भर में प्रसिद्धि बटोरता है। उसको भी यहां कोड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। जितनी शीशी इत्र की चाहिए, उतने हजार रूपये रिश्वत के लिए वसूले जाते हैं।

इसमें से कई कोड अवैध खनन के खेल में लगे वाहनों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। खासतौर पर ट्रॉली कोड। बुंदेलखंड से आने वाले बालू लदे वाहनों के लिए इसी कोड के सहारे खुलेआम वसूली का धंधा खूब रफ्तार पकड़ रहा है। ट्रॉली कोड का नंबर प्रति हजार की वसूली का रेट तय करता है। इसी तरह इसी जिले में चाय और मूंगफली का कोड भी चर्चा में है। कितने कप चाय लानी है। इसको तत्काल नोटों की गड्डियां सरकारी तंत्र को देने के लिए तैयार होने लगती हैं।

पुलिस चौकियों में मामला सुलटाने के लिए मूंगफली कोड का इस्तेमाल

थानों और चौकियों में मामले सुलटाने के लिए मूंगफली कोड भी इस्तेमाल हो रहा है। निलंबित दरोगा ने जिस आलू कोड का इस्तेमाल अपनी कॉल में किया था। उसका प्रयोग खनन माफियाओं से होने वाली घूस के लिए भी किया जा रहा है। सबसे ज्यादा कोडवर्ड खनन के काले धंधे में दिखाई दे रहे हैं।

ज्यादातर कामों के लिए कोड का सहारा सिर्फ बलिया या कन्नौज ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में लखनऊ तक किया जा रहा है। इलाकों की प्रमुख वस्तुओं या खाद्य पदार्थ के नामों के आधार पर कोड वर्ड तैयार होते हैं। मसलन कन्नौज में आलू की खेती ज्यादा होती है। इसलिए इसे वसूली के लिए कोड वर्ड बना दिया गया।

एलडीए में वर्षों चला ‘तिग्गी’ का सिक्का

कोड वर्ड का खेल सिर्फ अवैध वसूली के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता है बल्कि सरकारी विभागों में घोटालों के लिए भी कई प्रकार का गुप्त कोड वर्ड इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के तौर पर एलडीए को लिया जा सकता है। एलडीए में समायोजन घोटाले के लिए तिग्गी का कोड वर्ड वर्षों तक छाया रहा। तिग्गी की पहचान पूर्व एलडीए सचिव राम विलास यादव के दस्तखत के तौर पर की जाती है। इस तिग्गी के सहारे अरबों के समायोजन घोटाले की नींव एलडीए में अफसरों और बाबुओं द्वारा रखी गयी है।

ओवर लोडिंग घोटाले में भी खूब चले थे कोड वर्ड

इसी तरह परिवहन विभाग में भी खूब कोड चलते हैं। एसआईटी ने जिस अरबों के ओवरलोडिंग घोटाले को बेनकाब किया था। उसकी जांच में बरामद डायरियों में ख़ास कोड लिखे थे। सिर्फ यही नहीं एटीएस समेत कई शीर्ष एजेंसियों ने तमाम मामलों में कई गुप्त कोडवर्ड जांच में पकड़े हैं।

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