UP: अरबों के वक्फ बोर्ड घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच से परहेज
चार साल से जारी है सीबीआई जांच, ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत अभी तक नहीं दर्ज की ईसीआईआर
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: मनी लांड्रिंग के खेल का जिम्मा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास है। इसके बावजूद यूपी के बड़े घोटालों की जारी सीबीआई जांचों के बावजूद पीएमएलए एक्ट के तहत मनी लांड्रिंग की ईसीआईआर (प्रथम प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने से ईडी को मानो परहेज है।
तभी चार वर्षों के बावजूद ईडी ने अभी तक अरबों के वक्फ बोर्ड समेत कई घोटालों में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करके जांच शुरू करना मुनासिब नहीं समझा। चार वर्षों से सीबीआई यूपी के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों में बेशकीमती सम्पत्तियों को खुर्दबुर्द करने के घोटाले की जांच कर रही है। वक्फ बोर्डों की इन सम्पत्तियों को कौडिय़ों के भाव बेचकर बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी करा दी गयीं। इस घोटाले में प्रदेश के कई अफसरों और नेताओं की गर्दनें फंसी हैं।
कई जिलों में दो हजार करोड़ की संपत्तियों में भारी गड़बड़ी
खासतौर से शिया वक्फ बोर्ड के मुखिया रहे वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी का नाम प्रमुख है। गोरखपुर समेत आसपास के जिलों में ही दो हजार करोड़ की सम्पत्तियों में भारी गड़बड़ी है। वक्फ बोर्डों का विशेष ऑडिट कराने की फाइल तक सचिवालय से गायब करा दी गयी। वक्फ बोर्डों से जुड़े तमाम मुतवल्लियों की आर्थिक सेहत तक मानो किसी कुबेरपति की तर्ज पर हो चुकी है। सेंट्रल वक्फ काउंसिल के तत्कालीन मेंबर और सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. ऐजाज अब्बास नकवी ने 42 पेज की रिपोर्ट में वक्फ माफिया के नाम उजागर किए गए थे।
ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एजेंसी के अफसर सीबीआई की चार्जशीट के बाद ईसीआईआर दर्ज करने के मूड में नजर आ रहे हैं। लेकिन सीबीआई तो चार वर्ष से घोटाले की जांच आगे बढ़ाना मानो भूल ही गयी है।
दिल्ली वक्फ घोटाले की जांच में तेजी, यूपी में ईडी की सुस्ती
यूपी के वक्फ बोर्ड घोटाले में भले ईडी सुस्त अवस्था में है। लेकिन दिल्ली में हुए वक्फ बोर्ड भर्ती घोटाले की मनी लांड्रिंग जांच में ईडी की तेजी देखने लायक है। तभी इस घोटाले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत कई आरोपियों को पूर्व में ईडी ने गिरफ्तार भी किया था।
14 साल बाद भी अनाज घोटाले में ईसीआईआर नहीं
हजारों करोड़ के अनाज घोटाले में हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद ईडी ने आज़तक मनीलांड्रिंग का केस दर्ज करके जांच ही नहीं शुरू की। तत्कालीन खाद्य रसद मंत्री राजा भैया के पीआरओ रहे राजीव यादव ने एक अरब से ऊपर की काली कमाई का ब्योरा भी दिया था।
सहारनपुर : डकार गये वक्फ की करोड़ों की कमाई
जून में सहारनपुर के चिलकाना में वक्फ की 183 बीघा जमीन से 15 सालों में करोड़ों की आय कर गबन करने का बड़ा मामला सामने आया आया था। कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की गहनता से जांच कराने और गबन किए गए पैसे की रिकवरी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों के जरिये होने वाली अरबों की कमाई हड़पकर सरकारी रिकॉर्ड में जमकर हेराफेरी की गयी है। लेकिन सीबीआई और ईडी की नजरें इस ओर नहीं हैं।
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