RBI ने लगातार 9वीं बार 6.5% पर स्थिर रखा रेपो रेट, महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया है। रेपो रेट में पिछले 18 महीनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। 6 अगस्त को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में शुरू हुई आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक का आज आखिरी दिन था। बैठक खत्म होने के बाद गवर्नर ने कमेटी के फैसलों का ऐलान किया। आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने दरों में बदलाव न करने के पक्ष में फैसला सुनाया।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि टिकाऊ ग्रोथ के लिए प्राइस स्टेबिलिटी जरूरी है। रेपो रेट के अलावा एमएसएफ, रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट को भी स्थिर रखने का ऐलान किया गया है। बताते चलें कि मौजूदा MSF 6.75%, रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत और बैंक रेट 6.75 प्रतिशत पर हैं।

शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक 4 प्रतिशत के महंगाई दर के लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिशों में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक पॉजिटिव दिख रहा है लेकिन मध्य अवधि के ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक चुनौतिपूर्ण नजर आ रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है।

क्या होता है Repo Rate ?

रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर कॉमर्शियल बैंक अपनी जरूरतों के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई इसका इस्तेमाल मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर रखने का मतलब है कि मकान, वाहन और अन्य कर्जों की मासिक किस्तों (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने आखिरी बार साल 2023 के फरवरी महीने में रेपो रेट में बदलाव करते हुए इसमें बढ़ोतरी की थी। फरवरी, 2023 से ही रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है।

 

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