Noida Authority: भाजपा शासन में यादव सिंह को कैसे मिल रही राहत!

सुप्रीम कोर्ट से नोएडा अथॉरिटी के पूर्व भ्रष्ट चीफ इंजीनियर को फिर राहत से एजेंसियों की साख को धक्का

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: हमारे शासन का एक बड़ा पहलू भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता है। सभी एजेंसियों को भ्रष्टाचार की जांच करने की पूरी छूट है, ये कहना खुद प्रधानमंत्री मोदी का है। इसके बावजूद नोएडा अथॉरिटी में अरबों के भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से लगातार राहत मिलना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।

सीबीआई से लेकर ईडी तक जिस अंदाज में विपक्षी नेताओं पर हावी हैं। वही तेवर यादव सिंह जैसे असली भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मानो गायब हैं। आलम ये है कि पूर्व में सीबीआई और ईडी ने यादव सिंह के खिलाफ समय से चार्जशीट तक दाखिल नहीं की थी।

सतीश चंद्र मिश्रा और आंनद कुमार

बसपा सरकार के दौरान यादव सिंह के खिलाफ खुद भाजपा ने एक लाख करोड़ के भ्रष्टाचार के दस्तावेजी साक्ष्य देकर बड़ा प्रदर्शन किया था। यादव सिंह के साथ बसपा नेता सतीश मिश्रा से लेकर मायावती के भाई आनंद कुमार की संलिप्तता सैकड़ों फर्जी कंपनियों के साथ उजागर की गयी थी। आनंद की डीकेबी इन्फ्रा ने संदिग्ध कम्पनी अग्रोहा सेविंग्स के साथ वित्तीय लेनदेन किया था।

कपिल मिश्रा

वहीं आनंद और सतीश के बेटे कपिल मिश्रा के ऊपर दिया रिलेटर्स के जरिये अरबों के बेनामी लेन-देन के संगीन आरोप थे। सीबीआई और ईडी दोनों ही यादव सिंह के तंत्र को भेदने में नाकाम साबित हुई। तभी वो न सिर्फ जेल से बाहर है बल्कि अग्रिम जमानत तक भाजपा शासन में सुप्रीम कोर्ट से मिल रही है। यादव सिंह के आईएएस दामाद के आर्थिक तंत्र की पूरी जांच भी एजेंसियों ने पुख्ता तरीके से करना मुनासिब नहीं समझा।

Supreme Court On UP Government

अब सुप्रीम कोर्ट से यादव सिंह को अग्रिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी से राहत देते हुए सोमवार को अग्रिम जमानत दी। सिंह ने आठ दिनों में 954 करोड़ के अनुबंधों को जारी किया था। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने उन्हें प्रत्येक महीने की सात तारीख को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

अगर एजेंसी याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करना चाहती है तो 50 हजार के जमानत बांड और दो जमानती पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने 25 अक्टूबर, 2019 को ईडी द्वारा दर्ज एक अलग और परिणामी धन शोधन मामले में यादव सिंह को जमानत दी थी।

पीएम ने उठाया था नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का मामला

पीएम नरेंद्र मोदी ने यूपी में चुनावी जनसभाओं में अक्सर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया है। सीबीआई और ईडी जैसी प्रमुख एजेंसियों की जांचों के बावजूद नोएडा में हजारों करोड़ के घोटालों की कलंक कथा लिखने वाले कई बड़े अफसर आज तक गिरफ्त में नहीं आ सके। पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह की लोकेशन तक एजेंसियों के पास नहीं है।

यादव सिंह के मायावी तंत्र में कई आईएएस शामिल

नोएडा अथॉरिटी में तकरीबन दस हजार करोड़ के भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे यादव सिंह से जुड़े भ्रष्ट तंत्र में कई आईएएस शामिल हैं। इन सभी के पास एनसीआर में बेहिसाब जमीनें हैं। एक आईएएस का मोह तो वर्षों से एनसीआर की पोस्टिंग से नहीं छूट रहा है। अथॉरिटी में यादव सिंह वर्षों तक कई आईएएस अफसरों के हाथों का मोहरा बना रहा। जिसके जरिये नोएडा में हजारों करोड़ के टेंडरों से लेकर जमीनों की खरीद फरोख्त में बड़े खेल को अंजाम दिया गया था।

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