‘जुबान पर ताला लगाना चाहती है सरकार’, प्रियंका गांधी ने क्यों कही ये बात?
Sandesh Wahak Digital Desk: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक के माध्यम से डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया और निजी हैसियत में लिखने-बोलने वालों की ‘जुबान पर ताला लगाना चाहती’ है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का यह प्रयास पूरी तरह अस्वीकार्य है।
प्रियंका गांधी ने महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रेस की आजादी से जुड़े कथनों का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया ये दो उदाहरण बताते हैं कि हमारे नागरिकों को अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता यूं ही नहीं मिली है। इसके लिए वर्षों तक लाखों लोगों ने लड़ाई लड़ी है।
"हमें सबसे पहले स्वतंत्र अभिव्यक्ति और संगठन के अधिकार को हासिल करना चाहिए और इन अधिकारों की रक्षा जान देकर भी करनी चाहिए।"
– महात्मा गांधी (यंग इंडिया, 1922)"प्रेस की आजादी का मतलब यह नहीं होता कि जो चीजें हम छपी हुई देखना चाहें, सिर्फ उन्हीं की अनुमति दें, इस तरह की आजादी से…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 5, 2024
उन्होंने कहा कि नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की महान विरासत है तथा आजाद भारत के इतिहास में कभी कोई सरकार नागरिकों को मिली स्वतंत्रता को कुचलने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।
प्रियंका गांधी का कहना है आज एक तरफ सत्ता के जोर से पूरे मीडिया को सरकारी भोंपू बना दिया गया है। दूसरी तरफ, भाजपा सरकार प्रसारण विधेयक लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी मंचों और यहां तक कि निजी हैसियत में लिखने-बोलने वालों की जुबान पर ताला लगाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। देश ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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