क्या कम होंगी वक्फ बोर्ड की शक्तियां? नया बिल ला रही मोदी सरकार
Sandesh Wahak Digital Desk : संसद के मॉनसून सत्र का 11वां दिन है. इस सत्र में आम बजट 2024 पर चर्चा हो रही है. बजट को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेर रहा है. इसी सत्र में संसद में संशोधन विधेयक लाने पर विचार किया जा रहा है. इससे पहले शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में वक्फ अधिनियम में 40 संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है.
संसद में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियां कम हो जाएंगी. बोर्ड किसी भी संपत्ति पर बिना सत्यापन आधिपत्य घोषित भी नहीं कर सकेगा.
बता दें कि 2013 में यूपीए की सरकार में वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बढ़ा दिया गया था. आम मुस्लिम, गरीब मुस्लिम महिलाएं, तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के बच्चे, शिया और बोहरा जैसे समुदाय लंबे समय से कानून में बदलाव की मांग कर रहे थे. इन लोगों का कहना था कि वक्फ में आज आम मुसलमानों की जगह ही नहीं है. सिर्फ पावरफुल लोग हैं.
रेवन्यू पर सवाल है. कितना रेवन्यू आता है, इसका कोई आकलन नहीं करने देता. रेवेन्यू जब रिकॉर्ड पर आएगा तो वो मुस्लिमों के लिए ही इस्तेमाल होगा. देश में अभी 30 वक्फ बोर्ड हैं. सभी वक्फ संपत्तियों से हर साल 200 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है.
Waqf Act क्या है?
– पहला वक्फ अधिनियम 1954 में पारित किया गया. पहला संशोधन 1995 में और फिर 2013 में दूसरी बार संशोधन किया गया.
– दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड के पास इतनी शक्तियां नहीं हैं. यहां तक कि सऊदी या ओमान में भी ऐसा कानून नहीं है.
– एक बार जब कोई जमीन वक्फ के पास चली जाती है तो उसे पलट नहीं सकते. पावरफुल लोगों ने वक्फ बोर्ड पर कब्जा कर लिया है.
– भारत में वक्फ संपत्ति दुनिया में सबसे ज्यादा है और 200 करोड़ का भी राजस्व नहीं आ रहा है.
– यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं. वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण रखने वालों के अलावा अन्य लोग भी इस कानून के खिलाफ हैं.
– सच्चर कमेटी ने भी कहा कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता होनी चाहिए. वक्फ संपत्ति का उपयोग सिर्फ मुसलमान ही कर सकते हैं.
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