बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने ही लटका दिया ‘योगी सरकार’ का एक अहम विधेयक, कई विधायक भी विरोध में
Sandesh Wahak Digital Desk : बीते दिनों प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ‘संगठन, सरकार से बड़ा है’ और आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने योगी सरकार के एक महत्वपूर्ण विधेयक को विधानपरिषद में पास नहीं होने दिया। दरअसल, योगी सरकार ने विधानसभा में नजूल जमीन विधेयक पेश किया था, जिसे विधानसभा से पास भी करा लिया गया, लेकिन विधान परिषद में यह विधेयक फंस गया।
ख़ुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की, उसके बाद विधान परिषद के सभी सदस्यों ने इसे प्रवर समिति को भेजने का फैसला ले लिया।
सरकार वर्सेज़ संगठन के बीच कलह धरातल पर
दरअसल, नजूल विधेयक को लेकर कई बीजेपी विधायकों ने भी नाराजगी जताई थी। हालाँकि मुख्य सदन से इसे पास करा लिया गया था। लेकिन बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की आपत्ति के बाद इसे प्रवर समिति में भेज दिया गया। अपनी ही सरकार की तरफ से लाए गए बिल पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से विरोध को लेकर सियासी गलियारे में संगठन वर्सेज़ सरकार की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ भाजपा के विधायकों को ही इस विधेयक से आपत्ति थी। अंदर ही अंदर इस बिल का काफी विरोध भी हो रहा था। लेकिन, सीधे सीएम योगी से टकराने की हिम्मत किसी की नहीं हो रही थी जिसकी वजह से विधानसभा में यह बिल पास हो गया।
योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कहा था कि ‘सरकार से बड़ा संगठन है’ और इसी के बाद से यूपी में योगी वर्सेज़ दोनों डिप्टी सीएम के बीच का टकराव सामने आ गया था। यहाँ की दोनों उप मुख्यमंत्रियों ने सीएम की बैठकों से दूरी बनानी शुरू कर दी। दिल्ली में भी इस मामले को लेकर कई बैठकें चली और अभी तक इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है।
उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 विधानसभा में पास होने के बाद गुरुवार को विधानपरिषद में लाया गया। यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने यह विधेयक प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। उनके प्रस्ताव पर सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने बिल को प्रवर समिति को भेज दिया। बिल के प्रवर समिति को भेज देने से माना जा रहा है कि यह फिलहाल लटक गया है।
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