क्वाड: एस जयशंकर ने वैश्विक स्थिरता पर दिया जोर, अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई मंत्रियों ने भी रखी बात
टोक्यो में क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में चार देशों – भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया – के मंत्रियों ने भाग लिया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में क्वाड के महत्व और उसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “क्वाड और हमारे द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय संबंधों के बीच एक मजबूत बातचीत है। ये चुनौतीपूर्ण समय हैं और क्वाड जैसी साझेदारियां ही स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।”
जयशंकर ने साझा किए अहम बिंदु
जयशंकर ने कहा, “क्वाड एक बातचीत की दुकान नहीं है, बल्कि व्यावहारिक परिणाम देने वाला मंच है। हमारी एचएडीआर बातचीत, नौसेनाओं के बीच समझ, और इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस पहल जैसे कई उदाहरण हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि क्वाड देशों ने कोविड-19 के दौरान क्षेत्र के देशों को टीके पहुंचाने में सहयोग किया और विभिन्न तकनीकी व सामाजिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ब्लिंकन ने जताया एकता पर विश्वास
अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे चार देश एक मुक्त और खुले, जुड़े, समृद्ध और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक साझा दृष्टिकोण से एकजुट हैं। हम एक विश्वास के साथ जुड़े हुए हैं कि हम एक साथ भविष्य को इस तरह से आकार देने में मदद कर सकते हैं जो हमारे और पूरे क्षेत्र के कई अन्य लोगों को लाभ पहुंचाएगा।”
पेनी वॉन्ग ने जताई चिंता
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा, “हम एक ऐसे समय में रह रहे हैं जहां हमारी दुनिया और हमारे क्षेत्र को नया रूप दिया जा रहा है। संघर्षों से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है और लंबे समय से चले आ रहे नियमों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। क्वाड साझेदारी हमारे लिए इन परिस्थितियों का जवाब देने के लिए केंद्रीय है।”
क्वाड की स्थापना
क्वाड की स्थापना नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने की थी। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करना है।
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