Kanwar Yatra 2024: योगी के फैसले पर विपक्ष गर्माया, विपक्षी नेताओं ने दिए ये बयान

Kanwar Yatra 2024 : उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के निर्देश दिए हैं. इस मुद्दे को लेकर सियासत भी उफान पर है.

दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर सिर्फ विपक्षी दल ही नहीं बल्कि एनडीए के सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल और जेडीयू ने भी नाराजगी जाहिर की है. रालोद नेता रामाषीश राय ने कहा कि इससे समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा.

दरअसल उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने का निर्देश दिया गया है. इस आदेश के तहत कांवड़ रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगानी होगी ताकि कांवड़ियों को पता चल सके कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं.

यूपी की तर्ज पर उत्तराखंड में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया है. हरिद्वार के एसएसपी ने दुकानदारों को अपने साथ आधार कार्ड और पहचान पत्र लगाने के आदेश दिया हैं.

असल में मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन की ओर से सबसे पहले इस तरह के आदेश जारी किए गए थे, जिसमें पूरे कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों ने उनका नाम लिखने को कहा गया था.

जिसके बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साध लिया. पहले माना जा रहा था इस फ़ैसले को वापस लिया जा सकता है लेकिन शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे और विस्तार दे दिया और पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर पहचान लिखने के आदेश दे दिए है.

दूसरी ओर कांवड़ यात्रा नेमप्लेट मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी दलों समेत कई एनडीए के सहयोगियों ने भी इस पर सवाल उठाए हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को सामाजिक अपराध बताया है तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि इससे हमारे देश में भाई चारे की भावनाओं को खराब करने की कोशिश की जा रही हैं.

इस फैसले को तत्काल निरस्त करना चाहिए. इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसे असंवैधानिक बताया और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग की है.

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