‘भारत पर ऊर्जा संबंधों को लेकर दबाव अनुचित’, रूस के विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों की आलोचना की
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मॉस्को के साथ ऊर्जा सहयोग के कारण भारत पर बनाए जा रहे दबाव को अनुचित करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत एक महान शक्ति है जो अपने राष्ट्रीय हित खुद तय करता है और अपने साझेदार चुनता है। लावरोव ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा पर की गई आलोचना को भी अपमानजनक बताया।
लावरोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताते हुए कहा, “भारत एक महान देश और शक्ति है जो खुद अपने राष्ट्रीय हित तय करने में सक्षम रहता है और अपने भागीदार खुद चुनता है। हम ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि भारत पर भारी दबाव पड़ रहा है, जो पूरी तरह से अनुचित है।”
लावरोव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जुलाई महीने की अध्यक्षता करने के लिए न्यूयॉर्क में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस का आधिकारिक दौरा किया था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मोदी की यात्रा की आलोचना करते हुए कहा था कि रूस के साथ भारत का सहयोग शांति प्रयासों के लिए एक झटका है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लावरोव ने कहा, “यूक्रेनी राजदूत को तलब किया गया था और भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन्हें बताया कि उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए।”
लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पश्चिमी देशों के दौरे का भी जिक्र किया और कहा कि जयशंकर ने बताया था कि पश्चिमी देशों ने भी रूस से गैस और तेल की खरीद बढ़ाई है। आगे उन्होंने ये भी कहा कि भारत खुद ये फैसला करेगा कि उसे किसके साथ और किस तरह के व्यवहार रखना है, और साथ ही किस तरह से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी है।