Gonda: अखंड रामायण का पाठ करने नाव से जा रहे 3 लोग नदी में डूबे, दो की मौत

Sandesh Wahak Digital Desk: गोंडा जिले के तरबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत राँगी के तीन लोग नाव से नदी पार कर अखंड रामायण कहने जा रहे थे कि नदी के बीच नाव अनियंत्रित होकर पलट गई, जिससे तीनों लोग डूब गए। नदी का बहाव तेज होने के कारण दो लोगों की मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति तैरकर बाहर निकल आया।

बताते चलें कि तरबगंज थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत राँगी निवासी अंजनी कुमार पाण्डेय (60 वर्ष) पुत्र स्व. गया प्रसाद पाण्डेय, सत्य नारायण पाण्डेय (54 वर्ष) पुत्र स्वर्गीय अवध नरेश पाण्डेय व वेदप्रकाश पाण्डेय (44 वर्ष) पुत्र राम विलास पाण्डेय भगला नदी पारकर गोकुला गाँव के सम्मय माता मंदिर पर 14 जुलाई की शाम करीब 6.30 बजे नाव पर बैठकर अखंड रामायण पाठ करने जा रहे थे। इसी बीच बीच नदी में पहुंचने पर नाव अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई जिससे तीनों लोग नदी में डूबने लगे।

बहाव तेज होने के कारण नहीं निकल सके

किसी तरह से नाव चला रहे अंजनी कुमार पाण्डेय तैरकर बाहर निकल आए, जबकि दो लोग पानी का बहाव तेज होने के कारण नहीं निकल सके और डूब गए। सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। सभी लोग नदी पर पहुंचे। हादसे की सूचना पुलिस व तहसील प्रशासन को दी गई।

मौके पर पहुंचे तहसील प्रशासन व पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद एक शव निकाला गया और दूसरे व्यक्ति की तलाश की जाने लगी। इस पर गोताखोर टीम को बुलाया गया। गोताखोरों की टीम ने मौके पर पहुंचकर तलाश शुरू की लेकिन रात अधिक हो जाने के कारण नदी में डूबे एक अन्य व्यक्ति को ढूंढने में काफी परेशानी हो रही थी। काफी देर के बाद गोताखोरों की टीम ने शव बरामद कर लिया और उसे निकाला। दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

वहीं दूसरी तरफ इस हादसे में जान गंवाने वालों के घर में कोहराम मचा हुआ है। बताते हैं कि मृतक सत्यनारायण पाण्डेय के दो पुत्र व एक पुत्री है। खेत न होने के कारण गरीबी का जीवन जी रहे थे। एक लड़के की शादी कर चुके थे और लड़की की शादी करने की तैयारी कर रहे थे। अचानक इस हादसे का शिकार हो गए जिससे घर वालों के आंसू नहीं थम रहे हैं।

दिल्ली में नौकरी करता था मृतक वेदप्रकाश पांडेय

वहीं दूसरे मृतक वेदप्रकाश पाण्डेय दिल्ली में रहकर नौकरी करते थे। एक वर्ष पहले पिता का एक्सीडेंट हो गया था और पैर फैक्चर हो गया था। पिता की सेवा के लिए दिल्ली से गांव आए हुए थे कि असमय ही काल के गाल में समा गए। बताया जाता है कि वेदप्रकाश का परिवार दिल्ली में ही रह रहा था।

इस संबंध में तरबगंज थानाध्यक्ष दुर्ग विजय सिंह ने बताया कि नदी में तीन लोग डूबे थे, जिसमें से दो की मौत हो गई है और दोनों शवों को पानी से निकालकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

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