Hathras Stampede: सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ की जांच वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार, जानिए क्या कहा ?
Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। 2 जुलाई को हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी।
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह एक परेशान करने वाली घटना है, लेकिन वह इस मामले पर विचार नहीं कर सकती और हाईकोर्ट ऐसे मामलों से निपटने के लिए सशक्त न्यायालय है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका लेकर उच्च न्यायालय जाए।
दरअसल, अधिवक्ता विशाल तिवारी ने याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य के खिलाफ उनकी लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की थी।
भगदड़ में 121 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई, मंगलवार को साकार विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा का सत्संग शुरू हुआ। सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति के बावजूद करीब 2.50 लाख से अधिक लोग आ गए। बाबा के सत्संग समाप्ति की घोषणा के साथ ही बाबा की प्राइवेट आर्मी ने कार्यक्रम स्थल की सारी व्यवस्था को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया। लेकिन भीड़ को संभालने के लिए न ही बाबा की निजी आर्मी और न ही पुलिसकर्मी पर्याप्त थे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, जब बाबा का काफिला निकला तब भीड़ को रोक दिया गया। इस दौरान चरणों की रज लेने के चक्कर में अनुयायी अनियंत्रित हो गए। भगदड़ के दौरान लोग मरते रहे और बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे। किसी ने भी रुककर हालात को जानने की कोशिश नहीं की।
हादसे को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मोर्चा संभालने के बाद यूपी पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस ने छह अभियुक्तों की गिरफ्तारी की, जिनमें सत्संग आयोजन समिति से जुड़े चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में राम लडैते यादव (मैनपुरी), मंजू यादव (हाथरस), उपेंद्र सिंह यादव (फिरोजाबाद), मंजू देवी यादव (हाथरस), मेघ सिंह (हाथरस) और मुकेश कुमार (हाथरस) शामिल हैं। ये सभी सेवादार हैं।