Hathras Stampede: एसआईटी की जांच पर मायावती ने उठाए सवाल, बोलीं- ये रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित  

Sandesh Wahak Digital Desk: हाथरस कांड को लेकर यूपी में सियासी पारा हाई है। बसपा प्रमुख मायावती ने हाथरस कांड पर सरकार को घेरते हुए एसआईटी की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने पूरे मामले में जांच गंभीरता से नहीं की। एसआईटी की रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित लगती है।

मायावती ने कहा कि हाथरस में सत्संग में भगदड़ के दौरान हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों की मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण है।

 

बसपा प्रमुख ने एसआईटी रिपोर्ट में कार्यक्रम के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका की सही जांच किए जाने पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा इस जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के संबंध में SIT की खामोशी भी लोगों में चिंताओं का कारण है।

मायावती ने कहा कि जांच में भोले बाबा पर कार्यवाही के बजाय क्लीनचिट देने का प्रयास किया गया है। इसकी चर्चा शुरू हो गई है। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।

जांच रिपोर्ट के बाद 6 अफसर किए गए थे निलंबित

आपको बता दें कि हाथरस हादसे के 7 दिन बाद यानी मंगलवार को UP सरकार ने पहला एक्शन लिया। SDM, CO समेत 6 अफसरों को सस्पेंड कर दिया। सरकार ने SIT की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। SIT ने सोमवार रात CM योगी को 900 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी।

SIT रिपोर्ट के बाद सरकार ने 9 पॉइंट पर बयान जारी किया। जिसमें आयोजकों और प्रशासनिक अधिकारियों को लापरवाह बताया गया। लेकिन कहीं भी भोले बाबा का जिक्र नहीं है। इस तरह जिला प्रशासन के बाद सरकार से भी भोले बाबा को क्लीन चिट मिल गई है। उसका नाम FIR में भी नहीं था।

जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया, उनमें SDM रविंद्र कुमार, CO आनंद कुमार के अलावा इंस्पेक्टर आशीष कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार और चौकी इंचार्ज कचौरा मनवीर सिंह और पारा चौकी इंचार्ज बृजेश पांडे शामिल हैं।

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