फिल्म ‘एनिमल’ पर तापसी पन्नू की नाराज़गी: विवादित सीन्स पर तालियों से हुईं परेशान
फिल्मों का समाज पर प्रभाव और सिनेमा के प्रति अभिनेताओं और निर्माताओं की नैतिक जिम्मेदारियां एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो हाल ही में फिर से चर्चा में आ गया है। संदीप रेड्डी वांगा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एनिमल‘ की रिलीज के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है। पिछले साल दिसंबर में फिल्म की आलोचना करते हुए कई लोगों ने कहा था कि इसमें महिलाओं के प्रति घृणा और हिंसा को महिमामंडित किया गया है।
तापसी पन्नू ने की एनिमल की आलोचना
इस मुद्दे पर तापसी पन्नू ने एक बार फिर अपनी आवाज़ बुलंद की है। एक्सप्रेसो के एक साक्षात्कार में, तापसी ने ‘एनिमल’ की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्होंने ‘एनिमल’ की स्क्रिप्ट पढ़ी होती, तो वह भी रणबीर कपूर की तरह ही उत्साहित होतीं। लेकिन फर्क यह है कि स्क्रिप्ट पढ़ते समय जो चीजें समझ में नहीं आतीं, वही चीजें स्क्रीन पर देखने पर निर्देशक के माध्यम से स्पष्ट होती हैं।
तापसी ने एनिमल की स्क्रिप्ट पर ये कहा
तापसी ने बताया, “जब आप स्क्रिप्ट पढ़ते हैं, तो आपको यह नहीं पता होता कि निर्देशक किस शॉट पर लो एंगल और हाई बीजीएम का इस्तेमाल करेगा। यह सिर्फ निर्देशक ही है जो शॉट-टेकिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन के जरिए संवाद करता है। स्क्रिप्ट के जरिए यह देख पाना संभव नहीं होता।” तापसी ने फिल्म ‘बदला’ का उदाहरण देते हुए कहा कि वह जानती थीं कि वह किसके लिए साइन अप कर रही थीं और वह एक गहरा किरदार निभाने जा रही थीं। उन्होंने यह भी कहा, “पूरी फिल्म में कहीं भी आप उन्हें मेरे साथ किसी गलत का जश्न मनाते हुए नहीं देखेंगे।”
मुझे इस तरह के किरदार का इस तरह बढ़ना पसंद नहीं- तापसी
‘एनिमल’ के कुछ विवादित सीन्स पर दर्शकों की तालियों और सीटियों पर तापसी ने कहा, “एनिमल में कुछ सीन्स पर तालियां और सीटियां सुनना थोड़ा अजीब था, जहां मुझे इस तरह के किरदार का इस तरह बढ़ना पसंद नहीं था।” इन दिनों, तापसी पन्नू अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में हैं। उनके ताज़ा बयानों ने फिल्म ‘एनिमल’ पर फिर से बहस छेड़ दी है और सिनेमा के सामाजिक प्रभाव पर सवाल उठाए हैं।
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