मिर्जापुर सीजन 3: उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका तीसरा सीजन, पंकज त्रिपाठी की इमेज को लगा झटका

वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन हाल ही में रिलीज़ हुआ है, लेकिन यह अपने पिछले दो सीजनों की तरह दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम रहा है। उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि पर आधारित इस सीरीज को बनाने वाली कंपनी एक्सेल एंटरटेनमेंट और इसे प्रसारित करने वाली ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो को इस बार दर्शकों की तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

महिला किरदारों पर खासा ध्यान

फरहान अख्तर द्वारा निर्मित इस सीजन में महिला किरदारों को अधिक महत्व दिया गया है। मुख्यमंत्री बनीं माधुरी यादव के नए तेवर और उनके संघर्ष की कहानी को मुख्य रूप से दिखाया गया है। गोलू और गुड्डू का किरदार इस बार कुछ जय और वीरू की तरह पेश किया गया है, वहीं बीना और डिम्पी की कहानी भी नए मोड़ लेती है।

कालीन भैया की छवि को झटका

सीरीज के धुर प्रशंसक इस बार पंकज त्रिपाठी के किरदार कालीन भैया से खासे निराश हुए हैं। पिछली सीजन में घायल हुए कालीन भैया की वापसी ने दर्शकों को राहत दी, लेकिन उनकी छवि और किरदार की गहराई इस बार कमतर नजर आई। पंकज त्रिपाठी की पिछली फिल्मों और वेब सीरीज में भी असफलता ने उनकी इमेज को नुकसान पहुंचाया है।

कमजोर तकनीकी प्रदर्शन

मिर्जापुर के तीसरे सीजन की तकनीकी गुणवत्ता भी कम रही। सिनेमैटोग्राफी, संपादन और स्टंट कोरियोग्राफी किसी छोटे बजट की क्षेत्रीय फिल्म जैसी लगती है। संवादों की अस्पष्टता और साउंड डिजाइनिंग की खामियां भी साफ नजर आईं।

दर्शकों की निराशा

दर्शकों को इस सीजन से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन कहानी की कमजोर पकड़ और तकनीकी खामियों ने उन्हें निराश किया है। कुल 10 एपिसोड में फैली इस सीरीज को आखिर तक देखना मुश्किल साबित हो रहा है।

मिर्जापुर का पहला सीजन 2018 में आया था और इसे क्राइम थ्रिलर की दुनिया में एक नई पहचान मिली थी। दूसरा सीजन 2020 में आया और उसे भी दर्शकों ने सराहा। लेकिन तीसरा सीजन 2024 में आते-आते अपने ही आकर्षण को खो चुका है। दर्शकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के कारण यह सीजन अब तक का सबसे काम पसंद किया जाने वाला सीजन बन गया है।

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