‘अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी’, लोकसभा में अखिलेश यादव बोले- अर्थव्यवस्था पर आंकड़े छुपा रही सरकार

Parliament Session 2024: लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। इस दौरान कई मुद्दों पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में भाषण देते हुए सरकार को घेरा।

अखिलेश यादव ने कहा कि हर बात को जुमला बनाने वाले से लोगों को भरोसा उठ गया है। इसलिए ये बहुमत की सरकार नहीं, सहयोग से चलने वाली सरकार है। पेपर लीक मुद्दे पर बोलते हुए सपा के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले दस सालों की उपलब्धि इतनी रही है कि शिक्षा माफिया का जन्म हुआ है। सरकार को आशा का प्रतीक होना चाहिए, निराशा का नहीं।

अग्निवीर पर हंगामा

अखिलेश यादव ने कहा अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते। जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।

अखिलेश यादव ने पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद।

उन्होंने कहा, ‘आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।’

उन्होंने कहा, ‘इस चुनाव में पूरे इंडी गठबंधन की जीत हुई है। यह इंडिया की सकारात्मक जीत हुई है। 2024 का परिणाम हम इंडिया वालों के लिए जिम्मेदारी से भरा पैगाम भी है। हम यह भी कहे 15 अगस्त 1947 अगर आजादी का दिन था, तो 4 जून 2024 देश के लिए सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन रहा। सबसे अच्छी बात यह है कि सांप्रदायिक राजनीति की हार हो गई।’

अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी

उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी।

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