आरटीई: एडमिशन कराने के लिए चक्कर काट रहे अभिभावक, स्कूल नहीं दे रहे प्रवेश
Sandesh Wahak Digital Desk: आज के टाइम पर हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। जिसके लिए वे हर कोशिश करते हैं, लेकिन शिक्षा इतनी महंगी है कि उन्हें अपने हाथ पीछे करने पड़ते हैं। ऐसे में उन बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए वे सरकार की ओर से आरटीई यानी की राइट टू एजुकेशन शुरू की। जिससे माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा पाए, लेकिन प्राइवेट स्कूल की मनमानी की वजह से कई बार माता-पिता को इससे भी हाथ पीछे करना पड़ता है।
स्कूल वाले अभिभावकों की ओर से छोटी से छोटी गलती को बड़ा बना देते हैं और उन स्टूडेंट्स का एडमिशन कैंसिल कर देते हैं। इसकी वजह से अभिभावकों को स्कूल और बीएसए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। कुछ ऐसा अभी भी अभिभावकों के साथ हो रहा है। जिसको सॉल्व करने के लिए एक हफ्ते के अंदर बीएसए द्वारा चिन्हित विद्यालयों को डीएम के समक्ष पेश किया जाएगा और बात की जाएगी की आखिर दिक्कत कहां पर हो रही है।
28 जून को आखरी लॉटरी
बीएसए राम प्रवेश का कहना है कि राइट टू एजुकेशन के तहत हर प्राइवेट स्कूल दुर्बल और अलाभिक वर्ग के लिए 25 प्रतिशत सीट रिजर्व रहती है। जिससे अभिभावकों को मदद की जा सके। जिले भर के कुछ 50 से 52 स्कूल ऐसे हैं जो एडमिशन न देने के लिए बहाने बनाते हैं। इसके लिए पहले उन्हें समझाया जाता है। इसी को लेकर एक इसी हफ्ते डीएम के साथ मीटिंग भी फिक्स की गई है।
जहां स्कूल के प्रतिनिधि को बुलाया जाएगा और उनसे एडमिशन न देने की डिटेल्स मांगी जाएगी।
लॉटरी में नाम आने के बाद भी एडमिशन नहीं
लॉटरी में नाम आने के बाद भी प्राइवेट स्कूल वाले स्कूल एडमिशन (School Admission) नहीं दे रहे हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। प्राइवेट स्कूल आरटीई को दर किनार कर देते हैं और अपनी अलग ही मनमानी करना शुरू कर देते हैं। कई स्कूल तो एडमिशन (School Admission) न लेने के लिए टाल मटोल भी करने लगते हैं। अपने बहानों के चलते वे अभिभावकों को स्कूल और बीएसए ऑफिस के चक्कर काटने पर मजबूर कर देते हैं। स्कूल वाले कई बार अभिभावकों को कागजी कार्यवाही में भी फंसा देते हैं कि उनके डॉक्यूमेंट पूरे नहीं हैं। जिसकी वजह से एडमिशन नहीं हो सकता है।
स्कूल के बहाने
- डॉक्यूमेंट पूरे नहीं है
- उम्र में गड़बड़ है
- नाम की स्पेलिंग ठीक नहीं है
- हमारे स्कूल में सीट फुल हैं
- आधार कार्ड में दिया पता अलग है
- एडमिशन क्लोज हो गए हैं
- अभी स्कूल में टीचर नहीं है, कल आना
- गलत वार्ड है, जिस वार्ड में रहते हैं, उस वार्ड में स्कूल नहीं हैं
- दूसरे जिले के रहने वाले हैं, यहां पर किराए पर रहते हैं। इसकी वजह से एडमिशन नहीं दे सकते हैं।
अब तक तीन आरटीई के तहत लॉटरी निकल चुकी हैं। चौथी लॉटरी का रिजल्ट 28 जून को निकलेगा। जिसके बाद स्कूल एलॉट किए जाएंगे। वहीं स्कूल में एडमिशन सात जून में किए जाएंगेे।
अखिलेश अवस्थी, आरटीई कोऑर्डिनेटर
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