कंगना रणौत का बड़ा बयान: वर्क कल्चर और वीकेंड्स की छुट्टियों पर विचार, जानें क्यों बनी सुर्खियों में

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और भाजपा नेता कंगना रणौत अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में, उन्होंने वर्क कल्चर और वीकेंड्स की छुट्टियों को लेकर सोशल मीडिया पर एक ऐसा बयान दिया है जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। कंगना रणौत ने कहा है कि ‘जुनूनी कार्य संस्कृति’ को सामान्य तरीके से बनाना चाहिए और लोगों को काम के लिए बिलकुल आलसी नहीं होना चाहिए, क्योंकि भारत अभी एक विकासशील देश नहीं है।

कंगना ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित पीएमओ में दिए गए एक संबोधन का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “हम वो लोग नहीं हैं, जिनके लिए कार्यालय इस समय शुरू होता है और इस समय समाप्त होता है। हम समय से बंधे नहीं हैं, हमारी सोच की कोई सीमा नहीं है और हमारे प्रयासों के लिए कोई मापदंड नहीं है।”

कंगना ने आगे कहा, “हमें जुनूनी वर्क कल्चर को नार्मल बनाने और वीकेंड का इंतज़ार करने और सोमवार के मीम्स पर रोना बंद करने की ज़रूरत है। हम अभी तक एक विकसित राष्ट्र नहीं हैं और हमें बिल्कुल भी उबाऊ और आलसी नहीं होना चाहिए।” कंगना की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है। उनके इस बयान ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वाकई में भारतीय वर्क कल्चर को बदलाव की जरूरत है। बता दे, कंगना रणौत हाल ही में तब सुर्खियों में आईं जब दिल्ली स्थित संसद भवन जाते समय चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर CISF कांस्टेबल कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ मार दिया था।

वर्कफ्रंट की बात करें तो कंगना अपनी बहुप्रतीक्षित निर्देशित फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज के लिए तैयार हैं। इस फिल्म में कंगना भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। कंगना के इस बयान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं बल्कि अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने वाली एक मुखर नेता भी हैं। अब देखना होगा कि उनके इस बयान पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती है।

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