सांसद आदर्श ग्राम योजना: PM मोदी की अपील बेअसर, यूपी में भाजपा के 50 सांसदों ने नहीं गोद लिए पांच गांव
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद, वादे की तरह हम भी फरामोश हो गए…चुनाव जीतने के बाद जनता से किये वादों को भूलने वाले नेताओं का स्वागत जलील मानिकपुरी के इसी शेर से होना चाहिए। ग्राम्य विकास विभाग के आंकड़ें बताते हैं, यूपी के सांसदों ने उस सांसद आदर्श ग्राम योजना को भी भुला दिया। जिसके सहारे खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसदों से गांवों को गोद लेकर उन्हें विकास के नजरिये से आदर्श बनाने का सपना देखा था।
पीएम की अपील को अनसुना करने में सबसे आगे वही भाजपा सांसद हैं, जिन्हे इस बार लोकसभा चुनाव में भी पुन: संसद की दहलीज तक पहुंचने के लिए सिर्फ मोदी लहर का ही सहारा है। भाजपा के कुल 50 और एनडीए की सहयोगी अपना दल (एस) के 2 सांसद गांवों को गोद लेने की योजना में नाकाम साबित हुए हैं।
योजना के तहत एक गांव 12, दो गांव 13, तीन गांव 18, चार गांव छह और पांच गांव 16 सांसदों ने गोद लिए हैं। पांच गांवों को सांसदों द्वारा गोद लेने की योजना को हाशिये पर रखने में दिग्गज केंद्रीय मंत्रियों का भी नाम शामिल है। हालांकि पीएम ने पांच गांवों को गोद लेकर उन्हें आदर्श बनाया है।
16 सांसदों ने लिया सिर्फ पांच गांवों को गोद
यूपी में लोकसभा के 80 में से 15 सांसद एक गांव भी विकास के नजरिये से आदर्श बनाने के लिए गोद नहीं ले सके। मोदी को मिलाकर सिर्फ 16 सांसद हैं, जिन्होंने पांच गांव गोद लिए हैं। हालांकि सांसदों में कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने सिर्फ एक, दो व तीन गांव गोद लेकर योजना से मानो किनारा कर लिया।
पीएम की करीबी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने योजना के पांचवें चरण में सिर्फ अमेठी के सुजानपुर गांव को ही गोद लिया। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने भी मिर्जापुर के धनसिरिया गांव को ही गोद लिया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष व भाजपा से इटावा के सांसद राम शंकर कठेरिया और फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने भी एक गांव को गोद लिया।
आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल निरहुआ और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने चंदौली में एक भी गांव विकास के लिए गोद नहीं लिया। रामपुर के भाजपा सांसद घनश्याम सिंह लोधी का नाम भी सूची में शामिल है। राहुल गांधी को अपनी रायबरेली की विरासत सौंपने वाली कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मैनपुरी से सांसद पत्नी डिम्पल यादव ने भी एक भी गांव गोद नहीं लिया।
नौ केंद्रीय मंत्री भी निकले फिसड्डी
यूपी कोटे के नौ केंद्रीय मंत्रियों ने भी पूरे पांच गांव गोद नहीं लिए। महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने एक भी गांव को गोद नहीं लिया। वहीं स्मृति ईरानी, अनुप्रिया पटेल ने एक, भानू प्रताप सिंह वर्मा और संजीव बालियान ने दो, रिटायर्ड जनरल वीके सिंह व अजय मिश्र टेनी ने तीन, कौशल किशोर एसपी सिंह बघेल ने चार गांवों को गोद लिया।
लोकसभा के इन 15 सांसदों ने कोई गांव नहीं लिया गोद
एक भी गांव गोद नहीं लेने वाले 15 सांसदों में भाजपा से देवेंद्र सिंह भोले (अकबरपुर), दिनेश लाल निरहुआ (आजमगढ़), महेंद्र नाथ पांडेय (चंदौली), रेखा अरुण वर्मा (धौरहरा), राजवीर सिंह (एटा), कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल (हमीरपुर), ब्रजभूषण शरण सिंह (कैसरगंज), विजय कुमार दुबे (कुशीनगर), घनश्याम सिंह लोधी (रामपुर), बसपा से कुंवर दानिश अली (अमरोहा), मलूक नागर (बिजनौर), अतुल राय (घोसी), संगीता आजाद (लालगंज), सपा से डिम्पल यादव (मैनपुरी) और कांग्रेस से सोनिया गांधी (रायबरेली) शामिल हैं।
योजना में 12 सांसदों ने गोद लिया सिर्फ एक गांव
आदर्श ग्राम योजना में एक गांव गोद लेने वाले यूपी के सांसदों की संख्या 12 हैं। इस सूची में केंद्रीय मंत्री व अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी भी शामिल हैं। भाजपा से सतीश गौतम (अलीगढ़), वीरेंद्र सिंह (बलिया), राम शंकर कठेरिया (इटावा), साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर), जय प्रकाश रावत (हरदोई), विनोद सोनकर (कौशाम्बी), राजेंद्र अग्रवाल (मेरठ), अशोक रावत (मिश्रिख), अपना दल-एस से अनुप्रिया पटेल (मिर्जापुर), बसपा से श्याम सिंह यादव (जौनपुर), गिरीश चंद्र (नगीना) जैसे सांसदों ने सिर्फ एक गांव ही गोद लिया।
पीएम समेत इन 16 सांसदों ने गोद लिए पूरे पांच गांव
भाजपा से पीएम नरेंद्र मोदी (वाराणसी), रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (लखनऊ), सत्यपाल सिंह (बागपत), अक्षयबर गौड़ (बहराइच), संतोष गंगवार (बरेली), उपेंद्र रावत (बाराबंकी), रमेश चंद बिंद (भदोही), मुकेश राजपूत (फर्रुखाबाद), जादौन सेन (फिरोजाबाद), प्रदीप चौधरी (कैराना), सुब्रत पाठक (कन्नौज), हेमा मालिनी (मथुरा), वरुण गांधी (सुल्तानपुर), संगमलाल गुप्ता (प्रतापगढ़), साक्षी महाराज (उन्नाव) बसपा से फजलुर्रहमान (सहारनपुर) समेत 16 सांसदों ने पांच गांवों को आदर्श बनाने के लिए गोद लिया है।
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