कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज किए OBC प्रमाण पत्र, ममता बनर्जी बोलीं- ये आदेश मुझे स्वीकार नहीं…
Calcutta High Court On OBC Certificate: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 22 मई (बुधवार) ओबीसी प्रमाण पत्र को रद्द करने का बड़ा फैसला किया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है। अब OBC प्रमाण पत्र से नौकरी के आवेदनों में भी मान्यता नहीं होगी। हाई कोर्ट के फैसले पर सीएम ममता बनर्जी का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि वह ओबीसी आरक्षण पर हाई कोर्ट के आदेश को स्वीकार नहीं करेंगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि आज मैंने सुना कि एक न्यायाधीश ने एक आदेश पारित किया है। जो प्रसिद्ध रहे हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले से संवैधानिक विघटन होगा। तपशीली या आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते। लेकिन ये शरारती लोग (भाजपा) अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं।
ये फैसला मुझे स्वीकार नहीं
उन्होंने कहा कि मैं अदालत के आदेश को स्वीकार नहीं करती हूं। जब बीजेपी की वजह से 26 हजार लोगों की नौकरियां गईं तो मैंने कहा था कि मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी। वैसे ही मैं आज कह रही हूं कि मैं आज का आदेश नहीं मानती हूं। हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे। OBC आरक्षण जारी रहेगा। उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए। ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले सर्वे कराया गया था। पहले भी केस दर्ज हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
बता दें कि एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक उच्च न्यायालय ने साल 2011 के बाद से जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रमाण पत्रों को रद्द करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के इस फैसले के कई प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में क्या कहा?
कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई पर ये फैसला सुनाया। इस जनहित याचिका में OBC प्रमाण पत्र (OBC Certificate) जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे। इस मामले में न्यायालय ने निर्देश देते हुए कहा कि ओबीसी प्रमाण पत्र 1993 के एक्ट के तहत बने पश्चिम बंगाल पिछड़ा आयोग के हिसाब से तय प्रक्रियाओं के तहत ही बनाए जाएं।
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