Gonda Lok Sabha Seat: क्या विकास पर भारी पड़ सकता है सपा का जातीय समीकरण?

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चौथे चरण के लिए वोटिंग संपन्न हो गई है। अब राजनीतिक पार्टियों का फोकस 20 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान पर है। धार्मिक नगरी अयोध्या से सटे गोण्डा संसदीय क्षेत्र में इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां बीजेपी के कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया और समाजवादी पार्टी की श्रेया वर्मा के बीच सीधा मुकाबला है।

कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया

गोण्डा लोकसभा सीट पर अपवाद को छोडक़र मनकापुर राजघराने का ही दबदबा रहा है। राजघराने के कुंवर आनंद सिंह यहां से 4 बार सांसद रहे। फिर उनके बेटे कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने कमान संभाली। वे इस सीट से चार बार सांसद रहे हैं। साल 2014 व 2019 में राजा भैया बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और संसद में पहुंचे। 2024 के चुनाव में वे लगातार तीसरी बार मैदान में हैं। यदि इस बार भी राजा भैया चुनाव जीतने में कामयाब रहे तो वह अपने पिता कुंवर आनंद सिंह का चार बार सांसद निर्वाचित होने का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।

पांचों विधानसभा सीटों पर है भाजपा का कब्जा

बताते चलें कि गोण्डा लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें मेहनौन, गोण्डा सदर, मनकापुर, गौर और बलरामपुर जिले की उतरौला शामिल हैं। इन पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। उतरौला से राम प्रताप वर्मा, मेहनौन से विनय कुमार द्विवेदी, गोण्डा सदर सीट से प्रतीक भूषण सिंह, मनकापुर से रमापति शास्त्री और गौरा से प्रभात कुमार वर्मा विधायक हैं। इस बार के चुनाव में इस सीट की खूब चर्चा हो रही है। बीजेपी ने एक बार फिर कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया को चुनावी मैदान में उतारा है।

अखिलेश यादव और श्रेया वर्मा

श्रेया वर्मा के जरिए जातीय समीकरण साधने की कोशिश

तो समाजवादी पार्टी ने कुर्मी बिरादरी के बड़े नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री श्रेया वर्मा को टिकट देकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया और सपा प्रत्याशी विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के बीच मुकाबला हुआ था। राजा भैया ने पंडित सिंह को 1 लाख 66 हजार 360 वोटों से हरा दिया था। राजा भैया को 5 लाख 8 हजार 190 वोट मिले थे, जबकि पंडित सिंह को 3 लाख 41 हजार 830 वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस की कृष्णा पटेल को 25 हजार 686 वोट मिले थे। उस समय सपा-बसपा का गठबंधन था। हालांकि इस बार की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है।

इस सीट पर दशकों से मनकापुर राज परिवार का दबदबा रहा है। मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह व उनके बेटे मौजूदा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने यहां कुल 8 बार जीत हासिल की है। एक बार फिर मनकापुर राजघराने की साख दांव पर लगी हुई है और राजा भैया हैट्रिक लगाने के लिए पांचवीं बार चुनावी मैदान में हैं। इस बार महागठबंधन की उम्मीदवार श्रेया वर्मा द्वारा जातिगत समीकरण साधने का जी-तोड़ प्रयास किया जा रहा है।

दरअसल, करीब 23 फीसदी मुस्लिम और 8 प्रतिशत यादव मतदाताओं के साथ ही करीब 15 फीसदी सजातीय कुर्मी वोटरों के सहारे सपा कैंडिडेट अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।

गोण्डा लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

इस लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण 21 प्रतिशत, क्षत्रिय 14 प्रतिशत, कुर्मी 15, यादव 8, दलित 11 प्रतिशत, जबकि मुस्लिम 23 प्रतिशत हैं। (ये अनुमानित आंकड़े हैं)। बदले राजनीतिक समीकरण में ब्राह्मण, दलित, क्षत्रिय व कुर्मी भाजपा के आधार वोटर माने जाते हैं। इसके साथ ही अन्य जातियों का भी अच्छी तादाद में वोट बीजेपी को मिल सकता है, जिससे वह मजबूत मानी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी का जोर मुस्लिम, यादव के साथ-साथ सजातीय कुर्मी वोटरों पर है।

गोण्डा को सशक्त बनाना है लक्ष्य: राजा भैया

बीजेपी सांसद व प्रत्याशी कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया कहते हैं कि उनका लक्ष्य गोण्डा को सशक्त बनाना, विकास को नयी गति देना और प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति के कल्याण के लिए कार्य करना है। उन्होंने संदेश वाहक से मुलाकात में कहा कि मैंने पूरे गोण्डा लोकसभा क्षेत्र को अपना परिवार मानकर लम्बे समय से आप सबके साथ मिलकर, आप सबके समर्थन व सहयोग से गोण्डा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया है। मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि आगे भी पूरी लगन, मेहनत और ईमानदारी के साथ गोण्डा के विकास के लिए निरंतर कार्य करूंगा।

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