लखनऊ विकास प्राधिकरण: मानचित्र अनुभाग के भ्रष्टाचार को छुपाने की साजिश

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के मानचित्र अनुभाग के भ्रष्टाचार को छुपाने की उच्च स्तरीय साजिश चल रही है। बिना पूरा शुल्क जमा कराए नक्शा पास करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है। एलडीए की ओर से सबूत उपलब्ध न कराए जाने के चलते मानचित्र के इंजीनियरों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

अमित गुप्ता, कमिश्नर कानपुर

कानपुर के कमिश्नर अमित गुप्ता ने सात मई को फिर एलडीए को पत्र लिखकर साक्ष्य के साथ स्पष्ट आख्या मांगी है। बिना पूरा पैसा जमा कराए एलडीए के इंजीनियरों ने कई बिल्डरों के अपार्टमेंट, काम्प्लेक्स के नक्शे पास कर दिए थे। इससे प्राधिकरण को भारी वित्तीय क्षति हुई। कैग की ऑडिट में यह खुलासा हुआ था। कैग ने रिपोर्ट विधानसभा की लोक लेखा समिति को भेज दी थी। लोक लेखा समिति के निर्देश पर इन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी।

कमिश्नर कानपुर के आरोप पत्र का इंजीनियरों ने दिया जवाब

इंजीनियरों को चार्जशीट दी जा चुकी है। इंजीनियरों ने कमिश्नर कानपुर को आरोप पत्र का उत्तर दे दिया है। इंजीनियरों के जवाब का एलडीए के दस्तावेजों से मिलान होना है। दस्तावेज न मिलने से कमिश्नर कानपुर न मिलान कर पा रहे हैं और न जांच पूरी कर पा रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने सात मई 2024 को फिर एलडीए को पत्र लिख  अतिशीघ्र सभी अभिलेख साक्ष्यों के साथ उनके कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।

इंजीनियरों ने राजधानी के कई बड़े बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए उनके नक्शे का शुल्क कम जमा कराया था। सीएजी ऑडिट में इसका मामला पकड़ा गया। तब खुलासा हुआ। इसके बाद प्राधिकरण में बिल्डरों को आरसी जारी कर दी थी। इन बिल्डरों को नक्शे का बचा शुल्क तत्काल जमा करने को कहा गया था। कुछ बिल्डरों ने पैसा जमा भी कर दिया लेकिन कुछ ने नहीं किया। जिसकी वजह से प्राधिकरण को भारी वित्तीय क्षति हुई है।

कमिश्नर ने इन चार इंजीनियरों की मांगी रिपोर्ट

कानपुर के कमिश्नर अमित गुप्ता ने 7 मई को एलडीए को लिखे पत्र में प्राधिकरण के तत्कालीन अवर अभियन्ता सैय्यद रफत मुईन, चंद्रभानु, सहायक अभियन्ता एसपी श्रीवास्तव व अवैध निर्माण में निलंबित जितेंद्र नाथ दुबे के मामले में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने लिखा है इनके अभिलेख उपलब्ध न होने की वजह से जांच को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इससे आगे की कार्यवाही रुकी हुई है। एलडीए के अधिकारियों का कहना है कि उनकी रिपोर्ट भेज दी गई है।

पिछले साल मांगे दस्तावेज आज तक नहीं मिले

कमिश्नर कानपुर अमित गुप्ता को शासन ने जांच सौंप रखी है। कमिश्नर ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को 2 दिसंबर 2023 को पत्र लिखकर इंजीनियरों के घपले के दस्तावेज साक्ष्यों के साथ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। मगर अभी तक कमिश्नर कानपुर को इंजीनियरों के दस्तावेज नहीं मिले हैं। इस वजह से इन इंजीनियरों पर अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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