प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की कराई जाएगी मैपिंग, बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया पत्र
Sandesh Wahak Digital Desk: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की दीक्षा प्रोफाइल में विकास खंड व विद्यालयों की मैपिंग कराई जाएगी। डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सोमवार को इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है।
डीजी स्कूल शिक्षा ने कहा है कि शिक्षकों की प्रोफाइल में विकास खंड एवं विद्यालय की मैपिंग करा ली जाए। जिससे उनके द्वारा दीक्षा एप का प्रयोग किए जाने पर डाटा रिपोर्ट में प्रदर्शित हो सके। इसके लिए जिला (समन्यक प्रशिक्षण) को जिला स्तर पर और ब्लॉक समन्वयक (गुणवत्ता) को विकास खंड स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिखा पत्र
डीजी ने पत्र में कहा है कि मई के पहले सप्ताह में दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार विश्लेषण किया गया है। इसमें प्रयागराज, लखनऊ, प्रतापगढ़, सीतापुर, जौनपुर, उन्नाव, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, अयोध्या एवं अलीगढ़ द्वारा दीक्षा एप के माध्यम से डिजिटल कंटेंट के प्रयोग में बेहतर प्रयास किया गया है। ललितपुर, कन्नौज, महोबा, फिरोजाबाद, बांदा, सोनभद्र, फर्रुखाबाद, बलरामपुर, चित्रकूट, हमीरपुर व संभल की स्थिति संतोषजनक नहीं है।
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों का कक्षा में पढ़ाते हुए पांच मिनट का वीडियो बनाया जाएगा। फिर इस वीडियो को उत्कृष्ट, मध्यम व सामान्य श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। उत्कृष्ट वीडियो एससीआरटी को उपलब्ध कराए जाएंगे। फिर एससीआरटी से चयनित वीडियो अन्य शिक्षकों के उपयोग के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी विद्यालयों को ये वीडियो 20 मई से पूर्व तैयार कराने हैं। डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में सभी डायट प्राचार्यों औैर उप शिक्षा निदेशकों को पत्र लिखा है।
शिक्षकों को सुधार के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा
इसमें कहा गया है कि वीडियो रिकार्डिंग्स के आधार पर चयनित उत्कृष्ट शिक्षकों को विभिन्न अकादमिक, इनिशिएटिव एवं अभिनव प्रयासों से लाभान्वित कराए जाने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं में प्रतिभागिता के अवसर दिए जाएंगे। मध्यम व सामान्य श्रेणी में आने वाले शिक्षकों को सुधार के लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि सभी प्रधानाध्यापक 20 मई से पूर्व प्रत्येक शिक्षक का पांच मिनट का वीडियो बनवाकर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे।
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