लखनऊ विकास प्राधिकरण: …तो मुट्ठीभर जेई करेंगे शहर का विकास

Sandesh Wahak Digital Desk/Vinay Shankar Awasthi: लखनऊ के सुनियाजित विकास का जिम्मा संभालने वाला विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) वर्तमान में मैन पावर की कमी से जूझ रहा है। एक ओर शहर का दायरा बढक़र दूसरे जिलों के बार्डर तक पहुंच चुका है तो दूसरी ओर शहर के विकास की प्रमुख कड़ी कहे जाने वाले इंजीनियर घटते जा रहे हैं।

जानकारों के अनुसार करीब दस वर्ष पूर्व एलडीए में सौ से अधिक जूनियर इंजीनियर हुआ करते थे। आज उनकी संख्या घटकर मात्र 31 बची है। कई जेई प्रमोशन के बाद सहायक अभियंता (एई) हो चुके हैं। लगभग 13 एई वर्तमान में कार्यरत हैं जिसमें से कई सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। ऐसे में इन्हीं जूनियर इंजीनियरों पर शहर के सुनियोजित विकास व सरकार की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी है। नई भर्ती के नाम पर शासन स्तर पर लम्बे समय से केवल कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं। इसी का नतीजा है कि मात्र 31 जूनियर इंजीनियरों के सहारे प्रवर्तन, अभियंत्रण, मानचित्र समेत अन्य अनुभागों के कार्य संचालित हैं।

वर्कलोड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सका है कि प्रवर्तन में तैनात 20 में से 13 जेई पूर्व आवंटित कार्यों के साथ प्रवर्तन का काम देख रहे हैं। जबकि प्रवर्तन में रोजाना सैकड़ों आईजीआरएस, जनसूचना व अन्य माध्यमों से शिकायते पहुंचती हैं। इन कार्यों को निपटाने के लिए इंजीनियरों के पास कर्मी ही नहीं हैं। जो सुपरवाइजर प्रवर्तन में थे अब उन्हें भी हटाया जा चुका है। ऐसे में कर्मियों की कमी के चलते शहर का सुनियाजित विकास दांव पर लगा हुआ है। यही नहीं इस कमी का असर कहीं न कहीं उन अफसरों की काबिलियत पर भी पड़ रहा है जो अपनी मेहनत के बल पर लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रदेश में शीर्ष स्थन पर पहुंचाना चाहते हैं।

इंजीनियरों की कमी हमारे लिए चिंता का विषय है। एलडीए में इंजीनियरों की कमी को देखते हुए विभिन्न अनुभागों में खाली पदों का ब्यौरा शासन को दिया जा चुका है। शासन में इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही कुछ इंजीनियर एलडीए को मिलेंगे।
-ज्ञानेन्द्र वर्मा, अपर सचिव, एलडीए

…ऐसे में 15 जूनियर इंजीनियर के सहारे होगा काम

अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न करने के चलते एलडीए के दो जूनियर इंजीनियर पिछले सप्ताह निलंबित हो चुके हैं। प्रवर्तन में तैनात रहे 14 इंजीनियरों पर कार्रवाई के लिए शासन स्तर से तलवार लटक रही है। अगर शासन की ओर से उक्त इंजीनियरों पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई तो एलडीए प्रशासन को मात्र 15 जूनियर इंजीनियरों के सहारे काम चलाना होगा।

गुड़ंबा में सिटी क्लब समेत तीन अवैध निर्माण सील

एलडीए प्रवर्तन जोन-5 ने गुडंबा में सिटी क्लब मैरिज लॉन सील कर दिया। दो अन्य व्यावसायिक निर्माण भी सील किए गए। प्रवर्तन जोन-5 के जोनल अधिकारी राजकुमार ने बताया कि गौराबाग में कुर्सी रोड किनारे अवैध निर्माण चल रहा था। राजेश मौर्या और अन्य की ओर से सिटी क्लब फेज-2 नाम से मैरिज लॉन बनाकर संचालित किया जा रहा था। कल्याणपुर पश्चिम के अर्जुन एनक्लेव में भूतल, प्रथम तल पर दुकानों का निर्माण हो रहा था। अबरार नगर में नासा हॉस्पिटल के सामने अवैध रूप से दो मंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स बन रहा था। इसे मोहम्मद रफीक आदि बनवा रहे थे। इन सभी मामलों में एलडीए से नक्शा मंजूर नहीं कराया गया था। ऐसे में विहित कोर्ट में केस दर्ज किया गया। विहित कोर्ट ने सीलिंग के आदेश जारी किए। सोमवार को सहायक अभियंता प्रवीण कुमार के नेतृत्व में जूनियर इंजीनियर सुरेन्द्र द्विवेदी और शिव कुमार ने पुलिस की मदद से तीनों परिसर सील करा दिए।

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