Lok Sabha Elections 2024: मतदान के बीच रामगोपाल यादव ने पोस्टल बैलेट पर उठाए सवाल, जांच की मांग
Lok Sabha Elections 2024 4th Phase Voting: यूपी में आज यानि 13 मई को चौथे चरण का मतदान जारी है। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने एक के बाद एक कई आरोप लगाए। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट वोटिंग में गड़बड़ी का संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि अधिकारियों के पास व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बैलट पेपर पहुंचे। उनके इन पर निशान भी नहीं लगवाए गए। निर्वाचन आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए।
रामगोपाल यादव ने सोशल मीडिया साइड ‘एक्स’ पर लिखा कि ‘उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों खासकर पुलिस कर्मियों के मताधिकार की लूट क्यों की गयी है? whatsapp groups के माध्यम से फॉर्म भरवाकर अधिकारियों के पास बैलट पेपर पहुंचे। किंतु कर्मचारियों से बैलट पेपर पर टिकमार्क नहीं लगवाये गये। सरकारी कर्मचारियों को आशंका हैं कि उनके वोट को अधिकारियों ने डाल दिया है।
उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों ख़ासकर पुलिस कर्मियों के मताधिकार की लूट क्यों की गयी है?whatsapp groups के माध्यम से फॉर्म भरवाकर अधिकारियों के पास बैलट पेपर पहुँचे, किंतु कर्मचारियों से बैलट पेपर पर टिकमार्क नहीं लगवाये गये। सरकारी कर्मचारियों को आशंका हैं कि उनके वोट…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) May 13, 2024
उन्होंने कहा, ये आशंका सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने मुझे फोन करके और मिलकर जतायी है। इस धोखाधड़ी की जांच हो। दोषी अधिकारी दंडित हों और ये पोस्टल बैलट की प्रक्रिया रद्द करके पारदर्शी प्रक्रिया के द्वारा पुनः करायी जाये। ये तो खुले आम बूथ कैप्चरिंग हुई है। सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा हुआ है।
पुलिसकर्मियों को बैलट पेपर नहीं दिये गये
समाजवादी पार्टी सांसद इससे पहले भी इस प्रक्रिया की तुलना बूथ कैप्चरिंग से की और चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की। उन्होंने लिखा, इस बार उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों विशेषकर पुलिसकर्मियों को बैलट पेपर नहीं दिये गये हैं। ऑनलाइन फॉर्म भराकर मतपत्र WhatsApp groups के जरिए अधिकारियों ने मंगा लिए हैं। ऐसा मुझे सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने फ़ोन करके बताया है और ये आशंका है कि मतपत्रों पर टिक मार्क अधिकारियों ने मनमाने तरीके से लगा दिये है।
राम गोपाल यादव ने कहा, इससे बड़ी बूथ कैप्चरिंग कोई हो ही नहीं सकती है। पोस्टल बैलट को सरकारी कर्मचारियों को बूथ बनाकर वोट करने का मौका दिया जाए। और सारी पार्टियों के एजेंट्स की उपस्थित में ऐसा होना चाहिए। पोस्टल बैलट की अभी तक की प्रक्रिया को रद्द किया जाना चाहिए।
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