Raja bhaiya Meets Amit Shah: यूपी की सियासत में होने जा रहा बड़ा बदलाव? अमित शाह से मिले राजा भैया
Raja bhaiya Meets Amit Shah: उत्तर प्रदेश की सियासत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, यूपी के बाहुबली नेता और जनसत्ता दल (लोकतान्त्रिक) के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बेंगलुरू में मुलाकात हुई है. इन दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात 3 मई को हुई है.
दरअसल, राजा भैया ने खुद इस मुलाकात की पुष्टि की है. आपको बता दें कि बैंगलुरु के एक मित्र के जरिए उनकी ये मुलाकात हुई है. ये भी पता चला है कि जल्द ही दूसरे राउंड की भी मुलाकात होने वाली है.
बता दें कि राजा भैया चाहते थे कि इनकी पार्टी के नेता शैलेंद्र कुमार चुनाव लड़े और बीजेपी उनका साथ दे पर ये नहीं हो पाया. और बीजेपी ने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को ही टिकट दिया है.
राजा भैया BJP और योगी सरकार की कर चुके हैं तारीफ
हालांकि, ख़बरें ऐसी भी आईं कि टिकट न मिलने के बाद राजा भैया ने समाजवादी पार्टी से भी इस फॉर्मूले को लेकर संपर्क किया था. लेकिन वहां भी बात नहीं बन पाई थी. और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के सीनियर लीडर इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेन्द्र सरोज को टिकट दे दिया.
दरअसल, राम मंदिर से लेकर कई मुद्दों पर राजा भैया बीजेपी का समर्थन करते रहे हैं. विधानसभा के अंदर भी राजा भैया बीजेपी और योगी सरकार की नीतियों की तारीफ कर चुके हैं. आपको बता दें कि राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के यूपी में दो विधायक हैं. प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीटों पर उनका प्रभाव माना जाता है.
2018 तक अखिलेश यादव के साथ थे राजा भैया
साल 2018 और फिर इस साल हुए राज्य सभा चुनावों में उनकी पार्टी ने बीजेपी के लिए वोट किया था. पहले वे समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ हुआ करते थे. साल 2018 तक वे अखिलेश यादव के साथ ही थे. तब समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था. राज्यसभा चुनाव को लेकर लखनऊ के होटल ताज में अखिलेश ने सभी विधायकों को डिनर दिया था. जहां राजा भैया भी पहुंचे थे.
मायावती ने राजा भैया को भिजवाया था जेल
राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का वादा किया था. लेकिन अगले दिन उन्होंने और उनकी पार्टी के दूसरे विधायक ने बीजेपी का समर्थन कर दिया. उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार को वोट देने से मना कर दिया था. राजा भैया ने कहा था कि मायावती के उम्मीदवार का समर्थन करना उनके उसूलों के खिलाफ है. दरअसल, मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने उन्हें जेल भिजवाया था.
अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे राजा भैया
बसपा सरकार में मायावती ने उनके महल से लेकर तालाब तक खुदवा दिया था. हालांकि, इसके बाद सरकार बदलती है.. और राजा भैया जेल से बाहर आते हैं.. जिसके बाद उनका पॉलिटिकल ग्राफ और भी बढ़ता है… और मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी बनते हैं.
खैर, अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से राजा भैया की मुलाकात को ठाकुरों की नाराजगी कम करने के तौर पर भी देखा जा रहा है… अब इस मुलाकात का यूपी की सियासत पर कितना फर्क पड़ता है, ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.