एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा, भारत में कोवीशील्ड नाम से लगी थी
AstraZeneca Vaccine : हाल में ही सामने आयी एक रिपोर्ट ने पूरे भारत में हलचल पैदा कर दी है, बता दें ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन ऐसा बहुत रेयर (दुर्लभ) मामलों में ही होगा। आपको बता दें एस्ट्राजेनेका का जो फॉर्मूला था उसी से भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने कोवीशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई है।
वहीं एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं, वहीं पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।
ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उनकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है और इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।
यह है पूरा मामला | AstraZeneca Vaccine Side Effects
बता दें अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने यह वैक्सीन लगवाई थी, जहां इसके बाद उनकी हालत खराब हो गई। वहीं शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा, इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई। रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टरों ने उनकी पत्नी से कहा था कि वो स्कॉट को नहीं बचा पाएंगे।
इसके बाद पिछले साल स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मई 2023 में स्कॉट के आरोपों के जवाब में कंपनी ने दावा किया था कि उनकी वैक्सीन से TTS नहीं हो सकता है। इस साल फरवरी में हाईकोर्ट में जमा किए कानून दस्तावेजों में कंपनी इस दावे से पलट गई, वहीं अब इन दस्तावेजों की जानकारी अब सामने आई है।
कंपनी ने यह बयान किया जारी
एस्ट्रजेनेका ने इस मामले में बोलते हुए कहा कि उन लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है या जिन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। मरीजों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। हमारी रेगुलेटरी अथॉरिटी सभी दवाइयों और वैक्सीन के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए सभी मानकों का पालन करती है।
वहीं कंपनी ने आगे कहा कि क्लिनिकल ट्रायल और अलग-अलग देशों के डेटा से यह साबित हुआ है कि हमारी वैक्सीन सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा करती है। दुनियाभर के रेगुलेटर्स ने भी माना है कि वैक्सीन से होने वाले फायदे इसके दुर्लभ साइड इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा हैं। बता दें भारत में 80 फीसद लोगों को कोवीशील्ड लगी हुई है।
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