Ghazipur Landfill Fire: गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी भीषण आग, बीजेपी नेता बोले- ‘आप’ के भ्रष्टाचार का नतीजा
Ghazipur Landfill Fire: दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट (Ghazipur Landfill Fire) पर रविवार शाम से आग सुलग रही है। धुएं के गुबार पूरे इलाके में छाया हुआ है। इस आग की वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला। दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई हैं। इसे लेकर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा।
बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उस गाजीपुर लैंडफिल (कचरा एकत्र करने का स्थान) का सोमवार को दौरा किया। जहां एक दिन पहले कूड़े में आग लग गयी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
सचदेवा ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी के सत्ता में आने के एक साल के भीतर इस कूड़े के ढेर को हटा दिया जाएगा। सचदेवा के आरोप पर आम आदमी पार्टी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
गाजीपुर ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लगने के कई घंटे बीत जाने के बावजूद सोमवार को भी वहां से धुएं का घना गुबार आसमान की ओर उठता रहा। दिल्ली अग्निशमन सेवा के अनुसार, कचरे के विशाल ढेर से उत्पन्न गैस के कारण रविवार शाम ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लग गई।
केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष उदाहरण : बीजेपी
सचदेवा ने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल (Ghazipur Landfill Fire) केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने 2023 तक कूड़े के इस ढेर को हटाने का वादा किया था, लेकिन यहां एक और कूड़े का ढेर खड़ा हो गया है। यह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के भ्रष्टाचार के कारण है। आधे से ज्यादा मशीन काम नहीं कर रही हैं। उनकी मरम्मत क्यों नहीं की गई?
उन्होंने कहा कि जिस दिन भाजपा दिल्ली में सरकार बनाएगी, उसके एक साल के भीतर इसे हटा दिया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के एमसीडी चुनाव से पहले 31 दिसंबर, 2023 तक ‘लैंडफिल’ स्थल को साफ करने का वादा किया था। फिर भी कूड़े का पहाड़ बढ़ता ही जा रहा है।
गाजीपुर लैंडफिल की ऊंचाई 2019 में 65 मीटर थी, जो कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम थी। वर्ष 2017 में लैंडफिल में कचरे का एक हिस्सा बगल की सड़क पर गिर गया था, जिससे दो लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2022 में गाजीपुर ‘लैंडफिल’ में आग लगने की तीन घटनाएं हुई थीं, जिनमें से एक घटना 28 मार्च को हुई थी और उस समय आग को बुझाने में 50 घंटे से अधिक का समय लगा था।
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