उन्नाव लोकसभा सीट: ‘बवाली बाबा’ की राह में अन्नू टंडन बन पाएंगी रोड़ा!
Sandesh Wahak Digital Desk/Chetan Gupta: मोदी-योगी लहर के बलबूते और ओबीसी वोटों के दम पर दो बार सांसद बने ‘बवाली बाबा’ यानी कि साक्षी महाराज इस बार हैट्रिक लगाने के मूड में हैं। यूपी की हॉट लोकसभा सीटों में शामिल उन्नाव को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।
वर्तमान में भाजपा के साक्षी महाराज यहां से सांसद हैं। 31 लाख आबादी वाले इस जिले के सियासी समीकरण को भांपना आसान नहीं है। 90 के दशक में भाजपा का इस सीट पर सिक्का था। यहां की जनता-जनार्दन ने सन् 1999 के चुनाव में सपा और फिर बसपा, कांग्रेस और फिर भाजपा सबको बारी-बारी से मौका दिया।
इस लोकसभा चुनाव में सपा से इंडिया गठबंधन प्रत्याशी अन्नू टंडन, बीजेपी से साक्षी महाराज और बसपा से अशोक पांडेय हैं। साक्षी महाराज जहां फायर ब्रांड हिंदू नेता माने जाते हैं वहीं अन्नू टंडन उन्नाव लोकसभा सीट से 2009 में कांग्रेस से सांसद रह चुकी है। अशोक पाण्डेय पेशे से पत्रकार हैं और करीब एक दशक से इस लोकसभा सीट पर सक्रिय हैं।
उन्नाव में जातिगत समीकरण
सामाजिक कार्यों में वह बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहें हैं। ब्राह्मण वोट बैंक के नाम पर इस सीट से पहले वह बीजेपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन साक्षी महाराज का टिकट फाइनल होते ही बसपा सुप्रीमो मायावती का आशीर्वाद प्राप्त कर टिकट ले आएं। उन्नाव में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां सबसे ज्यादा वोट लोधी मतदाताओं के है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ओबीसी, एससी और मुस्लिम वोटर हैं। सभी राजनितिक दलों की नजरें इन्हीं वोटरों पर टिकी रहती हैं।
सन् 2014 के चुनाव में साक्षी महाराज को इस सीट पर 5,18,834 वोट मिले थे, जबकि सपा उम्मीदवार अरुण शंकर शुक्ल उर्फ अन्ना शुक्ला 2,08,661 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में साक्षी महाराज ने 4,00,956 मतों के अंतर से जीत दर्ज किया। उन्हें 7,03,507 वोट मिले। साक्षी महाराज ने सपा के उम्मीदवार अन्ना शुक्ला को हराया जिन्हें 3,02,551 वोट मिले। इस बार सपा-कांग्रेस एक है फिर भी साक्षी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी अन्नू टंडन है।
पूरा उन्नाव भाजपा के कब्जे में :
कभी कांग्रेस और सपा का गढ़ माने जाने वाला उन्नाव अब भाजपा के कब्जे में है। सभी 6 विधानसभाओं में विधायक भाजपा के हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी भाजपा का कब्जा है। सभी 16 ब्लॉक प्रमुखों और 19 नगर निकायों के अध्यक्ष भी भाजपा के हैं। अगर साक्षी महाराज सांसद हुए तो वह लगातार तीसरी बार उन्नाव से सांसद बनने वाले दूसरे सांसद बनेंगे। इसके पहले गंगा बक्स सिंह लगातार तीन बार यहां से सांसद रह चुके हैं।
स्टिंग ऑपरेशन में फंस चुके हैं साक्षी महाराज
निर्मल पंचायती अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर की उपाधि धारण करने वाले स्वामी को 2005 में सांसदों पर एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया था। वह उन 11 सांसदों में से थे, जिन्हें सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के दुरुपयोग के बारे में बात करते हुए टेप पर पकड़ा गया था और उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। साक्षी को अपनी करीबी सहयोगी सुजाता वर्मा की हत्या में भी शामिल बताया गया था।
बाबा नहीं बवाल हूं, भाजपा का काल हूं
स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी जी महाराज अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। पहली बार 1991 में यूपी के मथुरा से और फिर दो बार फर्रुखाबाद से चुने गए। लोध समुदाय के दूसरे सबसे प्रमुख ओबीसी नेता हैं। वो यूपी में इस जाति के सबसे प्रमुख नेता कल्याण सिंह के सबसे करीब रहे। उन्होंने 1999 में सिंह के साथ भाजपा छोड़ दी।
उस समय उन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को लेकर उन पर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज भी किया था। इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा की खिलाफत करते हुए उस समय नारा दिया, बाबा नहीं बवाल हूं, भाजपा का काल हूं। साक्षी पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई के करीबी रहे फर्रुखाबाद के पंडित ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के मुख्य आरोपी थे।
1999 के लोकसभा चुनाव में, साक्षी को वाजपेयी के कहने पर भाजपा का टिकट नहीं मिला और उन्होंने फर्रुखाबाद से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके एक साल बाद उन्हें सपा से राज्यसभा के लिए भेजा गया। उस समय मुलायम सिंह यादव एक लोध समुदाय के नेता की तलाश कर रहे थे। जिसके चलते पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बना कर भेजा। हालांकि साक्षी महाराज वहां ज्यादा दिनों तक नहीं टिके।
ओबीसी वोट बैंक जीत का आधार
यहां की आबादी करीब 31 लाख है। इस जिले में कुल 23 लाख 34 हजार मतदाता है जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 12,39,723 है तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 10,94,371 है। उन्नाव लोकसभा सीट पर ओबीसी वोटर करीब 7 लाख और सवर्ण मतदाता करीब 5.50 लाख हैं। मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब सवा दो लाख, एससी मतदाता कऱीब 5.50 लाख है बाकी अन्य है।
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