RO-ARO Paper Leak Case: 25 लाख रुपये में तय हुई थी डील, पेपर लीक कांड का एक और आरोपी गिरफ्तार

RO-ARO Paper Leak Case: समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण का मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा ही निकला। उसने सिपाही भर्ती के साथ-साथ इस परीक्षा में भी सेंध लगाई।

यही नहीं सिपाही भर्ती परीक्षा की तरह ही इसमें भी लखनऊ व प्रयागराज में बुलाकर अभ्यर्थियों को उत्तर रटवाए गए थे। इसका खुलासा शुक्रवार को तब हुआ, जब मास्टरमाइंड के गुर्गे अमित सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। उसे कौशाम्बी से जेल भेजा जा रहा है।

आरोपी अमित ने बताया कि आरोपी राजीव नयन ने डॉ.शरद को आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर 25 लाख में बेचा था। मूल रूप से गोंडा निवासी अमित सिंह इंदिरानगर डी ब्लॉक में रहता है। वह गोमतीनगर में कॉमर्स की कोचिंग चलाता था। तभी उसकी मुलाकात दीपक दुबे के माध्यम से राजीव नयन से हुई थी।

डॉक्टर ने राजीव से खरीदा था 25 लाख में आरओ-एआरओ पेपर

समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में पकड़े गए अमित ने बताया कि डॉ. शरद ने भी राजीव नयन से आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर 25 लाख में खरीदा था। डॉ. शरद को उसे प्रति अभ्यर्थी 15 लाख देने थे। इनमें से दो लाख प्रति अभ्यर्थी परीक्षा से पहले एडवांस जमा करना था।

यही नहीं उसने भी 16 फरवरी को राजीव नयन को पांच लाख रुपए दिए थे। यह रकम उसने अपने चचेरे भाई विजय प्रताप सिंह निवासी पांडे चौरा, वैस पुरवा थाना करनैलगंज गोंडा से बात करके तत्काल जरूरत बताते हुए राजीव नयन के बताए खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कराए थे। शेष पैसा बाद में देने की बात तय हुई थी।

एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 का प्रश्न पत्र लीक होने के प्रकरण की जांच में जुटी एसटीएफ ने 15 मार्च को बर्खास्त सिपाही अरुण सिंह व स्कूल मैनेजर सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया।

दो अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था राजीव नयन

उनसे पूछताछ में राजीव नयन का नाम आया। दो अप्रैल को एसटीएफ नोएडा ने राजीव नयन को गिरफ्तार किया, जिसने अपने सहयोगी अमित सिंह का नाम बताया। चार अप्रैल को अमित को पूछताछ के लिए बुलाया गया और सामने आए तथ्यों के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया।

अमित ने पूछताछ में अहम खुलासे किए। बताया कि वह गोमतीनगर में कॉमर्स की कोचिंग चलाता था। उसी दौरान दीपक दुबे निवासी बलिया के माध्यम से उसका संपर्क राजीव नयन से हुआ। उसने पुलिस भर्ती व आरओ/ एआरओ भर्ती परीक्षा में पेपर आउट कराने की बात कहकर अभ्यर्थियों की व्यवस्था करने को बोला था। साथ ही यह भी कहा था कि सभी अभ्यर्थियों को लखनऊ और प्रयागराज में पेपर का उत्तर रटवा दिया जाएगा।

परीक्षा से पहले इन सभी से लाखों रुपये एडवांस में लिए गए। इसके बाद इन्हें दो अलग-अलग ग्रुपों में बांटा गया। एक ग्रुप के अभ्यर्थियों को औद्योगिक क्षेत्र स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में ले जाकर पेपर के उत्तर रटवाए गए। दूसरे ग्रुप के लडक़ों को डॉ.शरद सिंह से संपर्क करने के लिए कहा गया।

इसके बाद लखनऊ बुलाकर डॉ. शरद ने प्लासियो के पास अभ्यर्थियों को अपनी वरना व अन्य कारों में बैठाकर दो घंटे तक उत्तर रटवाए और परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया।

टीजीटी, सीटेट परीक्षा में भी की थी सेंधमारी

आरोपी अमित ने बताया कि उसने राजीव नयन के साथ मिलकर टीजीटी परीक्षा-2020/21 में भी सेंधमारी की थी। तब अभ्यर्थियों को पेपर रटवाने के लिए उसने राजीव नयन को 20 लाख भी दिए थे। इसके बाद तो फिर उसने कई भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की व्यवस्था की थी।

यही नहीं वह केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर आउट कराने के आरोप में भी जनवरी 2023 में मेरठ के थाना कंकरखेड़ा से जेल जा चुका है। पेपर लीक प्रकरण के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था। राजीव नयन की गिरफ्तारी के बाद इसके कारनामों का खुलासा हुआ तो उसकी धर पकड़ के लिए प्रयास और तेज कर दिए गए थे। यह कई दिनों तक ठिकाने बदलता रहा, लेकिन आखिरकार शिकंजे में आ गया।

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