UP: रसूखदारों के कॉलेज खुलवाने के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने आचार संहिता रखी ताक पर
Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: लोकतंत्र के महापर्व यानि लोकसभा चुनाव से पहले लगी आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने से यूपी के अफसरों को तनिक भी गुरेज नहीं है। ताजा उदाहरण यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी है। जहां नेताओं और रसूखदारों को लाभ पहुंचाने के खातिर नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के नए कॉलेजों को खोलने की प्रक्रिया डंके की चोट पर शुरू की गयी है।
उत्तर-प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव/रजिस्ट्रार डॉ आलोक कुमार ने 19 मार्च को एक आदेश जारी किया। जिसके तहत एक दिसंबर 2023 के आदेश के क्रम में नर्सिंग/पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों (एएनएम छोडक़र) के नये प्रशिक्षण केन्द्र (कॉलेज) खोलने और पूर्व से जारी पाठ्यक्रमों में सीट वृद्वि के लिए आवेदन 31 मार्च तक फैकल्टी की वेबसाइट पर पुन: ऑनलाइन मांगे गए।
साथ ही आवेदनों की हार्ड कॉपियां पांच अप्रैल तक मॉल एवेन्यू स्थित फैकल्टी के दफ्तर में जमा करने को कहा गया। आचार संहिता लगी होने के बावजूद फैकल्टी के जिम्मेदारों ने इसके लिए चुनाव आयोग की पूर्व अनुमति लेना भी जरुरी नहीं समझा।
यही नहीं इसी सत्र में नए नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज खोलने के लिए संस्थाओं से आवेदन पूर्व में ही लिए जा चुके हैं। दिसंबर माह में सैकड़ों आवेदन यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी में जमा भी हो चुके हैं। फिर भी आदर्श आचार संहिता के दौरान पुन: आवेदन लेने के लिए अफसरों ने आदेश जारी किया। इससे न सिर्फ रसूखदारों और नेताओं को लाभ मिलेगा बल्कि उच्च स्तर पर बैठे माननीय भी संतुष्ट होंगे।
आयोग ने बनाई है मुख्य सचिव के नेतृत्व में स्क्रीनिंग कमेटी
निर्वाचन आयोग के नए नियमों के तहत आचार संहिता के दौरान जरुरी कामों की स्वीकृति के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सामान्य प्रशासन और संबंधित विभाग के प्रमुख सचिवों की कमेटी गठित है। जो अपनी सिफारिश मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजती है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कमेटी के पास भी उक्त मामला नहीं भेजा। शासन के अफसरों ने इसकी पुष्टि भी की।
नई योजनाओं व कार्यक्रमों की घोषणा पर सीधे रोक : आयोग
नए कॉलेज खोलने के लिए शुरू प्रक्रिया आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आती है या नहीं, ये सवाल जब मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ) नवदीप रिणवा से पूछा गया तो उन्होंने मेडिकल फैकल्टी के उक्त आदेश को देखने के बाद अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भेजा, जिनके जिम्मे आचार संहिता के प्रावधान जांचने की जिम्मेदारी है। इस अफसर ने भी कहा कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक आदर्श आचार संहिता के दौरान किसी भी प्रकार की नई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं, नए प्रोजेक्टों और कार्यक्रमों की घोषणा पर सीधे रोक लगाई गयी है।
आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ : डॉ आलोक
मेडिकल फैकल्टी के सचिव/रजिस्ट्रार डॉ आलोक कुमार ने बताया कि नए कॉलेज खोलने के लिए आवेदन मांगे हैं। आदेश आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है। अनुमोदन अध्यक्ष से लिया गया है। शासन में बैठे चिकित्सा शिक्षा के बड़े अफसरों ने भी फैकल्टी का बचाव करते हुए इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना। उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ आवेदन लिए जा रहे हैं।
Also Read: Lucknow: सीजीएसटी लखनऊ के ताकतवर आईआरएस अफसरों को घोटालों पर अभयदान