पीएम मोदी होमवर्क करके नहीं आते, कच्चातिवु द्वीप मुद्दे पर कांग्रेस ने घेरा
Sandesh Wahak Digital Desk : कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा, जहां कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि पीएम मोदी होमवर्क करके नहीं आते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि साल 2015 में मोदी सरकार ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर आरटीआई (RTI) के जवाब कहा था कि न कोई जमीन श्रीलंका को दी, न कोई जमीन ली।
PM मोदी होमवर्क करके नहीं आते हैं।
साल 2015 में मोदी सरकार ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर RTI में जवाब दिया था- न कोई जमीन श्रीलंका को दी, न कोई जमीन ली।
PM मोदी को ये तक नहीं पता कि 2014 तक इस आइलैंड के पास फिशिंग राइट्स थे, 2014 के बाद फिशिंग राइट्स क्यों चले गए- इसका जवाब… pic.twitter.com/wD59tgIiqG
— Congress (@INCIndia) April 1, 2024
पीएम मोदी को क्या तब तक नहीं पता कि 2014 तक इस आइलैंड के पास फिशिंग राइट्स थे, जहां 2014 के बाद फिशिंग राइट्स क्यों चले गए। इसका जवाब पीएम मोदी और बीजेपी को देना चाहिए। वहीं पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसी हल्की बातें करना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट और विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये बीजेपी की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।
वहीं राज्य सभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि यह बेतुका आरोप है। इसके साथ ही चिदंबरम ने यह दावा किया कि यह समझौता 1974 और 1976 में हुआ था। पीएम मोदी एक हालिया आरटीआई जवाब का जिक्र कर रहे हैं, उन्हें 27 जनवरी 2015 के RTI जवाब का जिक्र करना चाहिए, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश सचिव थे।
उस उत्तर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बातचीत के बाद यह द्वीप अंतरराष्ट्रीय सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में है। इंदिरा गांधी ने क्यों स्वीकार किया कि यह श्रीलंका का है? चूंकि श्रीलंका में 6 लाख तमिल पीड़ित थे, इसलिए उन्हें शरणार्थी के रूप में भारत आना पड़ा।
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