‘इस मामले में हम दखल नहीं दे सकते’, केजरीवाल को CM पद से हटाने की याचिका दिल्ली HC ने की खारिज
Sandesh Wahak Digital Desk: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से हटाने के अनुरोध वाली जनहित याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुद्दे के गुण-दोषों पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह न्यायिक हस्तक्षेप के दायरे से बाहर है। पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल रहे। पीठ ने कहा इसका अध्ययन सरकार की अन्य इकाइयों को कानून के अनुसार करना है।
कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि ये सब कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में है। न्यायपालिका के दायरे में नहीं। हम इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकते, उन्हें करने दीजिए। ये राजनीतिक मामला है। आप तय कीजिए। क्या ऑर्डर लेना चाहते हैं? उसमें न्यायिक दखल की जरूरत नहीं है।
अदालत (Delhi High Court) ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव के वकील से कहा कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बने रहने पर कानूनी बाधा बताएं। अदालत ने पूछा व्यावहारिक कठिनाइयां हो सकती हैं लेकिन वो अलग बात है। कानूनी बाधा कहां है? आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को आबकारी नीति बनाने से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
LG वीके सक्सेना ने केजरीवाल पर साधा था निशाना
बता दें कि आबकारी घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से जेल से सरकार चलाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीते बुधवार को कहा था कि केजरीवाल जेल से सरकार नहीं चला सकते। एक कार्यक्रम में वीके सक्सेना ने कहा था कि ‘मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जेल से सरकार नहीं चलेगी’।
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