PIB की फैक्ट चेक यूनिट पर रोक लगाई गयी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम फैसला
Sandesh Wahak Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार के बारे में फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की यूनिट बनाने वाली केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगा दी। वहीं कोर्ट ने कहा कि यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी का है, जहां केंद्र की इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने फैक्ट चेक यूनिट को 20 मार्च को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत अधिसूचित किया था।
इसके साथ ही CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी और झूठी खबरों की पहचान करने के लिए संशोधित आईटी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि ये पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ऑनलाइन कंटेंट की निगरानी के लिए बनाया गया था। इसके तहत ये यूनिट सरकार के खिलाफ कोई भी गलत जानकारी का फैक्ट चेक करती और गलत पाए जाने पर उसे फिर पब्लिश करने पर रोक लगा देती।
सुप्रीम कोर्ट ने अधिसूचना पर तब तक रोक लगा दी जब तक बॉम्बे हाई कोर्ट सूचना प्रौद्योगिकी नियम संशोधन 2023 की चुनौतियों का फैसला नहीं कर लेता। एफसीयू की स्थापना हाल ही में संशोधित आईटी नियमों के तहत अपने व्यवसाय से संबंधित सोशल मीडिया पर सामग्री की निगरानी के लिए की गई थी।
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