UP Lok Sabha Election: BJP की दूसरी लिस्ट से पहले इन सांसदों की बढ़ी धड़कनें, टिकट कटना लगभग तय!
UP Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने बीते दिनों देश के सबसे बड़े और प्रभावी सूबे के लिए 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है. बाकी बचे उम्मीदवारों के नाम पर मंथन किया जा रहा है.
बता दें कि बीजेपी 17 या 18 मार्च को दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है. इस बीच कई मौजूदा सांसद की सांसें अटकी हुई हैं.
बीजेपी ने पहली लिस्ट में यूपी की 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान किया है. इनमें से 47 सीटों पर पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया गया है. ऐसे में अब सबकी निगाहें बाकी बची सीटों पर लगी हुई हैं. इनमें ज्यादातर वो सीटें हैं , जिन पर कोई न कोई पेंच फंसा है. यही वजह है कि इन सीटों पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.
इनका कट सकता है टिकट
खबरों के मुताबिक बीजेपी की नई लिस्ट में कई मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं. इनमें पहला नाम पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी का है, जो पिछले काफी समय से पार्टी विरोधी लाइन के चलते हाईकमान की निगाहों में किरकिरी बने हुए हैं. इसके साथ ही सुल्तानपुर सीट से वरुण गांधी की मां मेनका गांधी के टिकट पर संशय बना हुआ है.
इस लिस्ट में कैसरगंज से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर भी तलवार लटक रही है. महिला पहलवानों के आरोपों के बाद बीजेपी उनका टिकट पत्नी या बेटे को टिकट दे सकती है. इस लिस्ट में प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी का नाम भी है. उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था.
वहीं, बदायूं सीट सांसद संघमित्रा मौर्य का टिकट भी कट सकता है, उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी छोड़ने के बाद से ही इसकी चर्चा है. इनके अलावा बीजेपी के सिटिंग सांसद सत्यदेव पचौरी, संतोष गंगवार, जनरल वीके सिंह का टिकट कट सकता है.
इन सीटों पर जारी मंथन
इनके अलावा बीजेपी ने अभी कई मुस्लिम बहुल सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान नहीं किया है. इनमें सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, मेरठ, बिजनौर, बरेली, अलीगढ़, हाथरस और गाजीपुर जैसी सीटें शामिल हैं, इनमें कई सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. लेकिन पार्टी मौजूदा सांसदों को लेकर आश्वस्त नहीं है. ऐसे में यहाँ से प्रत्याशी बदले जा सकते हैं.
बीजेपी उन सीटों पर भी प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है जहां पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इनमें रायबरेली, मैनपुरी जैसी सीटें शामिल हैं. रायबरेली कांग्रेस और मैनपुरी सपा का गढ़ रही है. ऐसे में इन सीटों पर भी बीजेपी को मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है. जो बीजेपी की नैया पार लगा सकें.