Afghanistan : सार्वजनिक रूप से स्टेडियम में दी गयी सजा-ए-मौत, तालिबान ने किया यह कारनामा

Afghanistan News : अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आने के बाद फिर बेरहम सजाए दी जाने लगी है, जहां 1990 में तालिबान ने पहली बार अफगानिस्तान पर हकूमत की थी। वहीं उस वक्त भी तालिबान सार्वजनिक रूप से सजा-ए-मौत और कोड़े मारने जैसी सजाएं देता रहता था, जहां तालिबान हमेशा से अपनी भयावह सजाओं को लेकर चर्चाओं में बना रहता है।

जानकारी के अनुसार तालिबान ने गजनी शहर के अली लाला इलाके के एक स्टेडियम में समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता समेत हजारों लोगों की मौजूदगी में सार्वजनिक रूप से दो लोगों को गोली मार कर सजा-ए-मौत दी है।

इसके साथ ही तालिबान ने दोनों लोगों के कथित अपराधों तथा उनके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया, वहीं कई अदालतों और तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने दोनों लोगों द्वारा कथित तौर पर किए गए अपराधों के लिए उन्हें मौत की सजा देने का आदेश दिया गया था।

जिसके बाद दोपहर करीब एक बजे तालिबानी सिपहियों ने स्टेडियम में सार्वजनिक रूप से दोनों लोगों को गोली मार कर सजा-ए-मौत दे दी। स्टेडियम में एक व्यक्ति को आठ और दूसरे को सात गोलियां मारी गयीं, जिसके बाद एम्बुलेंस से दोनों के शवों को भेज दिया गया।

बता दें फांसी वाली जगह के बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी और अंदर जाने के लिए लोग बेसब्र हो रहे थे, वहीं धार्मिक विद्वानों ने पीड़ितों के रिश्तेदारों से दोषियों को माफ करने का अनुरोध किया था। वहीं पीड़ितों के रिश्तेदारों ने माफ करने से इनकार कर दिया।

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