संदेशखाली मणिपुर नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज
Sandesh Wahak Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 19 फरवरी को संदेशखाली मामले में दायर याचिका खारिज कर दी, जहां मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा कि संदेशखाली मणिपुर नहीं है। बता दें याचिकाकर्ता ने मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता का हवाला दिया था।
वहीं न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि कृपया मणिपुर में जो हुआ उसकी तुलना यहां जो हुआ उससे न करें मामले पर हाईकोर्ट ने स्यू मोटो (स्वत: संज्ञान) लिया है, वह ही इस पर ऑर्डर देंगे। याचिका पीड़ित महिलाओं की तरफ से एक वकील ने दायर की थी, इसमें मामले की CBI या SIT से जांच कराने की मांग की गई थी।
बता दें संदेशखाली में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। अब कुछ महिलाओं ने मीडिया से बोलते हुए कहा कि यहां रहना खतरनाक है। राज्य की मुख्यमंत्री महिला हैं, उन्हें हमारी आवाज उठानी चाहिए, लेकिन वह हमलावरों की आवाज उठा रही हैं।
दूसरी ओर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा सोमवार 19 फरवरी को संदेशखाली पहुंचीं। जहां उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते ही NCW के दो लोग इस इलाके का दौरा करने आए थे। वहीं उन्होंने बंगाल सरकार और कानून व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों की लापरवाही को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल की थी। ममता बनर्जी को इस्तीफा दे देना चाहिए। वह यहां महिला के रूप में आएं, तभी दर्द समझ पाएंगी।
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