रवि शास्त्री का रिकॉर्ड तोड़ इस भारतीय खिलाड़ी ने रचा इतिहास, ठोंका तिहरा शतक
Sandesh Wahak Digital Desk: क्रिकेट इतिहास के लिए 26 जनवरी का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चुका है. और इसकी वजह बनें हैं. हैदराबाद के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस सलामी बल्लेबाज ने ऐसा क्या कर दिया. जिसकी वजह से इस खिलाड़ी की चर्चा हर तरफ हो रही है.
हैदराबाद के धाकड़ बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल ने क्रिकेट के इतिहास की रिकॉर्ड बुक में अपने नाम को सुनहरे अक्षरों से लिखकर 75वां गणतंत्र दिवस मनाया है. तन्मय ने रणजी ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में अब तक का सबसे तेज तिहरा शतक बनाया है.
टूटा रवि शास्त्री का रिकॉर्ड…
तिहरा शतक लगाने के दौरान तन्मय ने भारत के पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री के 39 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. बता दें कि 119 गेंदों में 200 रन, किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा बनाया गया, सबसे तेज प्रथम श्रेणी दोहरा शतक है.
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर रवि शास्त्री ने 1984-85 के सीजन में बड़ौदा के खिलाफ 123 गेंदों में डबल सेंचुरी बनाई थी. यह अब तक का दूसरा सबसे तेज प्रथम श्रेणी दोहरा शतक है.
इस पारी के दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तन्मय अग्रवाल ने 200 के बाद 100 रन सिर्फ 28 गेंदों में बनाए. वह अब हैदराबाद के लिए एक पारी में तीसरे सबसे अधिक व्यक्तिगत स्कोरर हैं. वह इस समय 323 रन पर नाबाद खेल रहे हैं. उनसे आगे सिर्फ एमवी श्रीधर (366) और वीवीएस लक्ष्मण (353) हैं.
इस पारी में अग्रवाल ने 31 चौके और 21 छक्के लगाए थे. इस ताबड़तोड़ पारी ने दक्षिण अफ्रीका के मार्को मरैस का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 2017 में ईस्टर्न प्रोविंस के खिलाफ बॉर्डर के लिए 191 गेंदों में 300 रन बनाए थे.
ट्रिपल सेंचुरी के बाद क्या बोले तन्मय अग्रवाल…
सलामी बल्लेबाज तन्मय अग्रवाल ने अपनी पारी के बाद कहा कि यह प्री प्लान्ड पारी नहीं थी. यह एक और सामान्य दिन था, और मैं हर पारी में जिस तरह से खेलता हूं. उसी तरह खेलता रहा. मैंने इस सीजन के लिए कोई टारगेट सेट नहीं किया. मैं बस बाहर जाकर अच्छी बल्लेबाजी करना चाहता था. यह मानसिकता इस साल बहुत मददगार रही है.’
अग्रवाल ने कहा, ‘अच्छा लगता है कि आपका नाम सूची में सबसे ऊपर है. मुझे यह मौका देने के लिए मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं. मैं अपने परिवार और दोस्तों का भी शुक्रगुजार हूँ, जिन्होंने इतने सालों तक मेरा समर्थन किया.’