राहुल गांधी को इस मामले में मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया एक लाख का हर्जाना
Rahul Gandhi News: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली के खिलाफ एक याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दरअसल मोदी सरनेम केस में राहुल को सूरत की एक अदालत ने दोषी पाए था। जिसके चलते उनकी सदस्यता चली गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2023 अगस्त में निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाया। जिससे राहुल की सदस्यता फिर से बहाल हो गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने ना सिर्फ सदस्यता बहाली के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर हर्जाना भी लगाया है। अदालत ने याचिका को आधारहीन करार देते हुए याचिकाकर्ता अशोक पांडे पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।
सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई थी दो वर्ष की सजा
दरअसल उच्चतम न्यायालय ने चार अगस्त को सूरत की कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई थी। जिसमें निचली कोर्ट ने पाया था कि राहुल गांधी मानहानि मुकदमे में दोषी हैं। सूरत की अदालत ने उन्हें दो वर्ष की सजा सुनाई थी। जिसके चलते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता चली गई। इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट गए। गुजरात हाईकोर्ट से तो राहुल को राहत नहीं मिली। मगर उच्चतम न्यायालय ने अगस्त में निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी को मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा देने की कोई वजह नहीं है। जस्टिस BR गवई, जस्टिस PS नरसिम्हा और जस्टिस संजीव कुमार की पीठ ने कहा था, ‘ट्रायल जज के जरिए अधिकतम सजा देने का कोई वजह नहीं बताया गया है। अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है’। पीठ का कहना था कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव काफी व्यापक हैं।
मानहानि मुकदमे की वजह क्या थी?
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 13/4/2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान कहा, सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों होते हैं? राहुल के इस बयान पर काफी विवाद मचा और फिर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। कई सालों तक कानूनी कार्रवाई चलती रही। इसके बाद पिछले साल 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने राहुल को दोषी माना और उन्हें दो साल की सजा सुनाई।