कोर्ट के फैसले से हो रहा है राम मंदिर का निर्माण, भाजपा इसका श्रेय न ले: अविनाश पांडे
Sandesh Wahak Digital Desk: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी उप्र में अपना जनाधार बढ़ाने के साथ-साथ उप्र कांग्रेस के संगठनात्मक मायूसी को दूर करने तथा कील और कांटा दुरूस्त करने को लेकर लगातार फेरबदल कर रही है।
लोकसभा चुनाव 2019 फिर विधानसभा चुनाव 2022 में जिस तरह से कांग्रेस के जनाधार सूचकांक गिरकर 2.5 प्रतिशत तक आ गया है इससे निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं के माथे पर बल तो आ ही गया है। उधर तीन राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त ने भी कांग्रेस पार्टी को नये सिरे से रणनीति बनाने और गहन मंथन करने पर विवश कर दिया है।
दिल्ली का रास्ता देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है यह बात कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को पता है यही कारण है कि पार्टी ने पहले उप्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को बदलकर बनारस के लोकप्रिय नेता अजय राय को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। अब एक और अहम फैसला लेते हुए शनिवार 06 जनवरी को उप्र का नया प्रभारी नियुक्त कर दिया।
अब प्रियंका गांधी वाड्रा के स्थान पर अविनाश पांडे को उप्र प्रभारी की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मौके पर अविनाश पांडे से एक साक्षात्कार कर उप्र में कांग्रेस की बदतर होती स्थिति तथा संगठनात्मक कमजोरी को लेकर विस्तार से बातचीत हुई।
प्रस्तुत है उसके कुछ विशेष अंश
सवाल- अविनाश जी मेरा पहला सवाल आपको उप्र का प्रभारी नियुक्त किये जाने को लेकर ही है। इसके पहले इस पद पर प्रियंका गांधी वाड्रा स्वयं थीं अब आपको यह पद दिया गया है। क्या उप्र में प्रियंका पार्टी को जीत दिलाने में विफल रहीं हैं इसलिए आपको यह जिम्मेदारी दे दी गई है?
जवाब- यह बात सही है कि देश के सबसे बड़े राज्य में जहां कभी कांग्रेस पार्टी सत्ता में हुआ करती थी आज कहीं नहीं है। उप्र में हमारी स्थिति क्या है यह हम सब भली-भांति समझ रहे हैं। जहां तक उप्र में हमारी नेता प्रियंका गांधी के विफल होने की बात है तो यह सही नहीं है।
प्रियंका गांधी का जो औदा है उससे हम सभी वाकिफ हैं उनका ज्यादा समय देश के विभिन्न राज्यों में जनता के बीच जाकर अपनी बात को पुरजोर तरीके से रखने में निकल जाता है। जिस तरह से वो दिन रात देश हित के लिए कांग्रेस पार्टी को पूरे देश में मजबूती से स्थापित करने में जुर्टी हैं साफ है उनकी जो जिम्मेदारियां हैं वो बहुत बड़ी हैं। देश की आवाम के लिए वो समर्पित हैं।
जनता की समस्याओं को समझना और उसके लिए लड़ना प्रियंका गांधी अपना कर्तव्य समझ कर बखूबी निभा रही हैं ऐसे में देश के सबसे बड़े सूबे में उनकी पकड़ कमजोर न पड़ जाए इसके लिए मुझे यह जिम्मेदारी दी गई है। प्रियंका गांधी के दिल में बसा है उत्तर प्रदेश। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि पार्टी ने मुझे इस लायक समझा और मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी। निश्चित तौर पर मैं उप्र में पार्टी को दिशा प्रदान करने और संगठन को मजबूत करने का जो भी काम करूंगा वो हमारी नेता प्रियंका गांधी जी के दिशा निर्देशानुसार ही करूंगा।
सवाल- कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ने हालिया में एक बयान दिया था कि कांग्रेस उप्र में पूरे 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। क्या कांग्रेस उप्र में इंडिया अलायंस के घटक दलों के साथ उप्र में चुनाव नहीं लड़ेगी?
जबाव- निश्चित तौर पर इंडिया अलायंस के साथ समन्वय बनाकर ही हम देश के हर राज्यों में चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। हमारे प्रदेश अध्यक्ष एक ऊर्जावान और जुझारू नेता हैं उन्होंने यह बात यदि कही होगी तो इंडिया अलायंस के सापेक्ष ही कही होगी। देखिये इंडिया अलायंस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बकायदा हर राज्यों में जहां हमारे घटक दल हैं के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया है। इस समन्वय समिति में हमारे अलायंस पार्टी के सदस्य नामित हैं वही मिलकर इस जिम्मेदारी को निभाने का काम कर रहे हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई संशय नहीं है।
सवाल- ईवीएम बैन करने को लेकर दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के दो वकीलों ने विरोध जताया। ईवीएम बैन करने को लेकर वे चुनाव आयोग के पास जा रहे थे पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया। विपक्ष ईवीएम पर बैन तो चाहता है लेकिन सड़क पर उतर कर विरोध नहीं करना चाहता। क्या कारण है?
जवाब- ऐसा नहीं है कि ईवीएम को बैन किये जाने को लेकर विपक्ष विरोध नहीं करना चाहता। ईवीएम हैक किया जा सकता है यह हर स्तर पर साबित किया जा चुका है। हमने एक बार नहीं कई बार चुनाव आयोग का ध्यान इस ओर आकर्षित कराने का काम किया है। ईवीएम को लेकर निश्चित तौर पर एक संभ्रांति तो है इसमें कोई दो राय नहीं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है यह उसकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि इस पर विशेष ध्यान दे और यदि हैकिंग साबित है तो तत्काल ईवीएम पर बैन लगाए।
सवाल- चुनाव आयोग विपक्ष को मिलने का समय कहां दे रहा है?
जवाब- यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है। देखिये मैंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है यदि ऐसी मांग विपक्ष द्वारा उठायी जा रही है तो चुनाव आयोग की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वो इसका संज्ञान ले लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने देश की एक संवैधानिक संस्था को जिस पर देश की जनता का भरोसा टिका है उस पर अपना अधिकार जमा लिया है तो यह और भी अधिक चिंता का विषय है।
देश की करोड़ों जनता के साथ विश्वासघात मैं इसे मानता हूं और एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का जिम्मेदार होने के नाते मैं यह मानता हूं कि जनता के विश्वास को कायम रखना है तो चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना होगा वरना देश में जिस तरह से अघाषित आपातकाल का वातावरण बन चुका है देश में एक दिन एनार्की की चपेट में आ जाएगा।
सवाल- 22 जनवरी को भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का भव्य आयोजन करने की तैयारी कर रही है। धर्म हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है और भाजपा इसका बखूबी लाभ उठाना जानती है। इंडिया अलायंस या कांग्रेस इसका कैसे मुकाबला करेगी यह एक बड़ा सवाल है?
जवाब- हमारे नेता राहुल गांधी की पहले चरण में की गई भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश की आवाम को इसी खतरे से आगाह करने का एक संकेत देती है। हमारी पार्टी और हमारे नेता धर्म के आधार पर राजनीति करने से परहेज करते हैं। हमारे नेता राहुल गांधी का यही उद्देश्य है कि नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान को कैसे स्थापित किया जाए।
भगवान राम पूरे देश के लिए एक आस्था का प्रतीक हैं हम सब के दिन की शुरुआत ही भगवान राम का नाम लेकर होती है इसमें राजनीति का कोई स्थान ही नहीं। रही बात राममंदिर निर्माण की या रामलला के दर्शन की तो मैं बता दूं कि राममंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ है, भारतीय जनता पार्टी इसका श्रेय न ले। रही बात धर्म की राजनीति कि तो यह भारतीय जनता पार्टी हमेशा से करती आयी है क्योंकि देश की जनता को असल मद्दे से भटकाना भाजपा का काम है।
बेरोजग़ारी, महंगाई, किसानों का मुद्दा, भ्रष्टाचार, धर्म के नाम पर एक समुदाय को टारगेट करना जैसे गंभीर मुद्दे हैं। हमारे नेता राहुल गांधी की पहले भारत जोड़ो यात्रा और अब न्याय यात्रा का उद्देश्य यही है कि हम जनता को भाजपा की सही तस्वीर दिखाएं और जनता को सही निर्णय लेने के लिए जागरूक करें। मैं समझता हूं कि इसमें हमें सफलता भी भरपूर मिल रही है।