SEBI New Rules : शॉर्ट सेलिंग को मिली मंजूरी, नेकेड सेलिंग पर लगाया गया बैन
SEBI New Rules : सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI ने शुक्रवार को अपना नया सर्कुलर जारी किया, जहां इसमें कहा कि भारत में सभी निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग की मंजूरी होगी लेकिन नेकेड शॉर्ट सेलिंग पहले की तरह बैन रहेगी।
वहीं सभी स्टॉक्स में शॉर्ट सेलिंग की जा सकेगी, इसके साथ ही सेबी के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि संस्थागत निवेशकों (इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) को शॉर्ट सेलिंग करने से पहले यह जानकारी देनी होगी कि वह शॉर्ट सेल करने वाले हैं।
इन निवेशकों को इंट्राडे में पोजीशन स्क्वायर ऑफ करने की अनुमति नहीं होगी। वहीं शेयर को खरीदने के बाद बेचना या शेयर बेचने के बाद खरीदना, बाय-सेल या सेल-बाय की जब साइकिल पूरी हो जाती है तो उसे पोजीशन स्क्वायर ऑफ कहते हैं। सेम डे में जब इस प्रोसेस को किया जाता है तो इसे इंट्राडे स्क्वायर ऑफ कहते हैं।
क्या है शॉर्ट सेलिंग-
शॉर्ट सेलिंग का मतलब उन शेयरों को बेचने से है जो ट्रेड के समय ट्रेडर के पास होते ही नहीं हैं। इन शेयरों को बाद में खरीद कर पोजीशन को स्क्वायर ऑफ किया जाता है। शॉर्ट सेलिंग से पहले शेयरों को उधार लेने या उधार लेने की व्यवस्था जरूरी होती है।
यह है नेकेड शॉर्ट सेलिंग-
वहीं नेकेड शॉर्ट सेलिंग उसे कहते हैं जब कोई ट्रेडर उन शेयरों को बेच देता है जो उसके पास नहीं होते। नेकेड शॉर्टिंग में, ट्रेडर शॉर्ट सेल के लिए शेयरों को न तो उधार लेता है न ही उधार लेने की व्यवस्था करता है। नेकड शॉर्ट अमेरिका जैसे देशों में भी बैन है।
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