ISRO ने फ्यूल सेल का किया सफल परीक्षण, अंतरिक्ष में बनेगा अब बिजली और पानी
ISRO Fuel Cell : भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने शुक्रवार को फ्यूल सेल तकनीक का सफल परीक्षण किया, जहां यह तकनीक इसरो के फ्यूचर मिशन और डाटा इकट्ठा करने के लिहाज से बेहद अहम है। वहीं इससे अंतरिक्ष में बिजली और पानी बन सकेगा, इस फ्यूल सेल को स्पेस स्टेशन के लिए बनाया गया है।
स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में मौजूद ऐसी प्रयोगशाला है जहां इंसान रहते हैं। इंसान को अंतरिक्ष में रहने के लिए बिजली के साथ ही पानी की भी जरूरत होती है, वहीं इसरो का नया फ्यूल सेल दोनों जरूरतों को पूरा करेगा। यह स्पेस स्टेशन को ऊर्जा देने के लिए बिजली पैदा करेगा, इसके साथ ही इससे पानी भी निकलेगा जो इतना साफ होगा की अंतरिक्ष यात्रियों के काम आएगा।
1 जनवरी को इसरो ने PSLV-C58 रॉकेट लॉन्च किया था। यह 4 स्टेज वाला रॉकेट है। रॉकेट की चौथी स्टेज ने XPOSAT सैटेलाइट को 650 Km की कक्षा में स्थापित किया। इसके बाद इस स्टेज को पृथ्वी की 300 Km की कक्षा में एक्सपेरिमेंट के लिए लाया गया था। इस स्टेज में कुल 10 पेलोड लगे हैं।
इसी में से एक पेलोड 100W क्लास पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन फ्यूल सेल आधारित पावर सिस्टम (FCPS) था। इसी फ्यूल सेल की टेस्टिंग इसरो ने की। टेस्ट के दौरान फ्यूल सेल के हाई प्रेशर वेसल्स में स्टोर की गई हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों से 180W बिजली पैदा हुई।