Mission 2024: यूपी में विपक्षी दलों ने तैयार किया सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला
करीब पांच दर्जन सीटों पर भाग्य आजमाने का प्लान, कांग्रेस की हामी का इन्तजार
Sandesh Wahak Digital Desk : मिशन 2024 के लिए विपक्षी गठबन्धन इंडिया के साथी दलों के बीच भले तालमेल नहीं दिख रहा है। हालांकि इण्डिया गठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे के लिए तैयारी तेजी से चल रही है। बातचीत सिर्फ यूपी में अटकी है। बिहार में जदयू और राजद के बीच सहमति लगभग तय है। वहीं यूपी में भी सपा ने इसके लिए सियासी अंकगणित तैयार किया है। लेकिन कांग्रेस इस पर अपनी सहमति देगी, ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगा। लेकिन दिल्ली में हुई बैठक के बाद दलों ने अपना होमवर्क पूरा किया है।
कांग्रेस को 15 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दे सकती है सपा
माना जा रहा है कि यूपी में सपा, कांग्रेस को 15 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दे सकती है। पांच या छह सीटें राष्ट्रीय लोकदल और एक सीट भीम आर्मी के लिए छोड़ते हुए सपा लगभग 58 सीटों पर अपना दावा ठोक सकती है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए देश के प्रमुख विपक्षी दलों ने इस बार हाथ मिलाया है।
सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी चुनौती
यूं तो इनके बीच सीटों के बंटवारे को सबसे बड़ी चुनौती शुरुआत से ही माना जा रहा था, लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तालमेल गड़बड़ाया और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने बयानों से प्रतिशोध का संकेत दिया, उसके बाद लग रहा था कि पिछले लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन के आधार पर वह कांग्रेस को शायद संतोषजनक सीटें न दें।
मगर, मध्य प्रदेश सहित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार ने जैसे अखिलेश के अंदर जल रही प्रतिशोध की आग को कुछ ठंडा कर दिया। अब वह बड़ा दिल दिखाने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव बीतने के बाद पिछले दिनों गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों की बैठक के बाद सीटों के बंटवारे की रूपरेखा बनाने पर काम शुरू हो गया।
जयंत चौधरी को पांच सीटों का प्रस्ताव दिया जा सकता
सपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी में इसे लेकर आंतरिक सहमति बन चुकी है कि खास तौर पर कांग्रेस को कितनी सीटों का प्रस्ताव दिया जाए। यह भी बताया गया है कि अखिलेश जल्द ही कांग्रेस और रालोद के नेताओं के साथ बैठक कर 15 सीटें कांग्रेस को देने का प्रस्ताव रखेंगे। रालोद को लेकर अभी स्पष्टत: तय नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जयंत चौधरी को पांच सीटों का प्रस्ताव दिया जा सकता है।
आपसी सहमति के आधार पर नगीना लोकसभा सीट इंडिया में शामिल न होने के बावजूद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के लिए दलित समीकरण साधने के उद्देश्य से छोड़ी जा सकती है।
यूपी में कांग्रेस की जमीन लगभग सिमट चुकी
यूपी में कांग्रेस की जमीन लगभग सिमट चुकी है। 2014 में पार्टी के दो सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही चुनाव जीत सके थे, लेकिन अमेठी और रायबरेली की दो पारंपरिक सीटों में से अमेठी भी 2019 में राहुल गांधी हार गए। वोट प्रतिशत भी 2014 में 7.53 प्रतिशत रह गया था। जो कि 2019 में घटकर 6.36 पर सिमट गया।
ऐसी ही दुर्गति 2022 के विधानसभा चुनाव में हुई और कांग्रेस कुल 403 में से सिर्फ दो विधानसभा सीटें जीत पाई। माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन के आधार पर कांग्रेस 15 सीटों पर आसानी से सहमत हो सकती है। एक-दो सीटें बढ़ाने-घटाने की गुंजाइश सपा ने भी रखी है।
नए कांग्रेस प्रभारी से कांग्रेस नेतृत्व ने सीटों पर मांगी है रिपोर्ट
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने यूपी कांग्रेस से रिपोर्ट मांगी है कि किन-किन सीटों पर दावा किया जाना चाहिए। जीत की संभावना का आधार क्या है और कौन मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं। संभव है कि नागपुर रैली के बाद अब नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय लखनऊ पहुंचें और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के साथ इस पर विमर्श कर रिपोर्ट तैयार कराएं।
सूत्रों ने बताया कि सपा ने कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी लगभग तय कर लिए हैं। सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगते ही इनकी घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन जिन्हें चुनाव लडऩा है, उन्हें तैयारी के लिए इशारा कर दिया गया है।