‘WFI निलंबित करने का फैसला उचित नहीं’ संजय सिंह बोले- अदालत में देंगे चुनौती

Sandesh Wahak Digital Desk : भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती की राष्ट्रीय संस्था को निलंबित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और वे सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।

बता दें कि खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएफआई को चुनाव के तीन दिन बाद निलंबित कर दिया था कि उसने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की घोषणा समेत कुछ फैसले करने में अपने ही संविधान का उल्लघंन किया था।

संजय सिंह ने हालांकि कहा कि सरकार डब्ल्यूएफआई का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को निलंबित नहीं कर सकती। संजय ने कहा कि ‘हमने लोकतांत्रिक तरीके से डब्ल्यूएफआई के चुनाव जीते। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश निर्वाचन अधिकारी थे। इसमें IOA और यूनाईटेड विश्व कुश्ती  के भी पर्यवेक्षक थे।

लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर हमें निलंबित कर दिया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया। जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। जबकि भारतीय संविधान के अंतर्गत हर कोई इसका हकदार होता है।

डब्ल्यूएफआई के लिए अगला कदम क्या होता तो उन्होंने कहा ‘WFI एक स्वायत्त संस्था है और सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। हम सरकार से बात करेंगे और अगर सरकार निलंबन वापस नहीं लेती है तो हम कानूनी राय लेंगे और अदालत का रूख करेंगे।

संजय ने कहा कि क्योंकि डब्ल्यूएफआई निलंबन का विरोध कर रहा है। तो वह आईओए द्वारा गठित तीन सदस्यीय तदर्थ समिति को स्वीकार नहीं करते। बुधवार को आईओए ने डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने कहा साफ है कि उन्हें (बजरंग, विनेश और साक्षी) कांग्रेस और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है। ये तीनों इन राजनीतिक दलों के हिसाब से चल रहे हैं।

संजय सिंह ने लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि आप मुझे कोई चौथा पहलवान बतायें जो डब्ल्यूएफआई का विरोध कर रहा हो। ये तीनों नहीं चाहते कि जूनियर पहलवान आगे बढ़ें, ये जूनियर पहलवानों का अधिकार छीनना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि बजरंग हांगझोउ एशियाड में ट्रायल्स में हिस्सा लिये बिना गया था और वह 0-10 से हारकर वापस आया। ये कुश्ती नहीं कर रहे, ये राजनीति कर रहे हैं। अगर आप कुश्ती के बारे में चिंतित हो तो आगे आओ, रास्ता आपके लिये साफ है। लेकिन अगर आप राजनीति करना चाहते हो तो खुले में करो।

संजय ने यह भी दावा किया कि उन्होंने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को डब्ल्यूएफआई से प्रतिबंध हटाने का अनुरोध करते हुए पत्र लिया था और उन्हें अंतरराष्ट्रीय संस्था से अनुकूल फैसला आने की उम्मीद है। संजय ने यह भी दावा किया कि अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की तारीख और स्थल की घोषणा करते हुए किसी भी तरह संविधान का उल्लंघन नहीं किया गया था।

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