SEBI, NSDL और NSE को देनी पड़ सकती है ₹1400 करोड़ की पेनाल्टी, जानिए क्या है पूरा मामला

Sandesh Wahak Digital Desk : सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) के हालिया आदेश के बाद इंडियन सिक्योंरिटीज एंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) को ₹1,400 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय देनदारी का सामना करना पड़ सकता है.

इस आदेश में तीनों संस्थाओं से कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग की तरफ से ब्रोकरेज के लेंडर्स को गिरवी रखे गए शेयरों को वापस करने या फिर लेंडर्स को सिक्योरिटीज की वैल्यू के साथ-साथ 10% प्रति साल के ब्याज के साथ मुआवजा देने के लिए कहा गया है.

एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और इंडसइंड बैंक ने तब ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया, जब सेबी ने डिपॉजिटरी को कार्वी की तरफ से गिरवी रखी गई सिक्योरिटीज को वापस निवेशकों को ट्रांसफर नहीं करने का निर्देश दिया था.

 

Sebi, NSE, NSDL may face ₹1,400-cr liability as SAT rules in favour of  Karvy's lenders | Mint

मार्केट रेग्युलेटर ने पाया था कि ब्रोकरेज ने क्लाइंट्स की सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर फंड्स का गलत इस्तेमाल किया था. इसलिए, सेबी ने डिपॉजिटरी से गिरवी रखी गई सिक्योरिटीज को ट्रांसफर नहीं करने को कहा था.

सेबी ने 2019 में लगाई थी रोक

इसके बाद लेंडर्स ने SAT को बताया कि उन्होंने ब्रोकरेज की तरफ से गिरवी रखी गई सिक्योरिटीज के बदले कार्वी को लोन दिया है. जब कार्वी ने डिफॉल्ट किया, तो लेंडर गिरवी रखी गई सिक्योरिटीज को वापस लेना चाहते थे, लेकिन सेबी ने 22 सितंबर, 2019 को एक आदेश पारित करके उन्हें रोक दिया. इसमें डिपॉजिटरी को सिक्योरिटीज ट्रांसफर नहीं करने का निर्देश दिया गया था.
13 दिसंबर, 2019 के सेबी के आदेश में लंबित बकाया की डिटेल्स है. उसके मुताबिक, बजाज फाइनेंस का बकाया 3,44.49 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक का 642.25 करोड़ रुपए, एचडीएफसी बैंक का 280.5 करोड़ रुपए और इंडसइंड बैंक का 159.16 करोड़ रुपए था. जबकि SAT के आदेश में AXIS बैंक का लंबित बकाया 80.64 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है. फिलहाल, SAT के आदेश के बाद कुल बकाया 1,433 करोड़ रुपए से ज्यादा है.

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