Lucknow Municipal Corporation: आसमान छू रही नगर निगम के इंजीनियरों की कमीशनखोरी

इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड के लोगों ने किया घटिया निर्माण का विरोध

Lucknow Municipal Corporation : लखनऊ नगर निगम में इंजीनियरों की कमीशनखोरी आसमान छू रही है। शायद यही कारण है कि कमीशन की रकम जुटाने के लिए ठेकेदार विकास कार्यों की गुणवत्ता से समझौता करने को मजबूर हैं। शहर में नगर निगम की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्यों में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग जोरों पर है।

ताजा मामला इस्माइलगंज द्वितीय वार्ड से सामने आया है जहां, के लोगों ने बसंत बिहार इलाके में नाली सुधार कार्य में घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग का आरोप लगाया है। एक ओर नाली सुधार कार्य में पीली ईट का प्रयोग हो रहा है तो दूसरी ओर मानक अनुसार सीमेंट का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है। जबकि उक्त निर्माण कार्य लगभग साढ़े आठ लाख रुपए की लगात से नगर निगम करा रहा है।

वार्ड के पूर्व पार्षद रूद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इलाके से लगातार लोगों की शिकायतें आ रही हैं। कई शिकायतें नगर निगम के इंजीनियरों के पास भी पहुंची। मगर अभी तक कार्य की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं किया गया है। पूर्व पार्षद ने दावा किया कि उन्होंने मौके पर निरीक्षण किया गया तो घटिया निर्माण होता मिला है। इस मामले में जल्द ही नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह को शिकायत पत्र सौंपा जाएगा।

साल भर से खुदा पड़ा नाला, भूले जिम्मेदार

अलीगंज के सेक्टर-सी में मकान संख्या-25 के पास पिछले एक साल नाला खुदा पड़ा हुआ है। चुंकि नाला लगभग 3-4 फुट गहरा खुदा हुआ है और कार्य कम कमीशन वाला है ऐसे में नगर निगम के इंजीनियरों को वीआईपी क्षेत्र का यह कार्य नजर नहीं आ रहा है। स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने बताया कि केन्द्रीय भवन के ठीक समाने जाने वाले मार्ग पर नाला खुदा होने से सडक़ पर निकलना मुश्किल हो चुका है। सडक़ काफी संकरी हो चुकी है। चार पहिया वाहन बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है।

चीफ इंजीनियर तक पहुंच रहा हिस्सा

नगर निगम के सूत्र बताते हैं कि जूनियर इंजीनियर से लेकर नगर अभियंता ही नहीं बल्कि चीफ इंजीनियर तक कमीशन का हिस्सा पहुंचता है। यही कारण हैं कि पूरे शहर में नगर निगम के ज्यादातार निर्माण कार्य घटिया तरीके से हो रहें। एक आईएएस अफसर के रिश्तेदार होने के चलते चीफ इंजीनियर मनमाने तरीके से कार्य करते हैं।

मामले की जांच करायी जाएगी यदि निर्माण कार्य घटिया मिला तो तोड़वाकर दोबारा बनवाया जाएगा। संबंधित ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

महेश चन्द्र वर्मा, चीफ, इंजीनियर, नगर निगम

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