Lucknow: 50 साल से रह रहे, कहां जायेंगे, सोचते-सोचते थम गईं चुन्नीलाल की सांसें

अकबर नगर स्थित अपने घर के सामने देर रात एलडीए इंजीनियरों को कमिश्नर का आदेश चस्पा करते देख 75 वर्षीय बुजुर्ग को आया हार्ट अटैक

Sandesh Wahak Digital Desk : बहुत सोचते थे, रोते थे, अस्पताल वालों ने भी कहा, तुम्हारे दादा कुछ सोच रहे हैं, इस तरह इन्हे कुछ हो जाएगा, आज हमारे दादा हमारे बीच नहीं रहे…ये मार्मिक दर्द 30 वर्षीय पोते रत्नेश का है। जिसने कुकरैल को नदी का दर्जा देकर सौंदर्यीकरण के बहाने अकबर नगर को जमींदोज करने के लिए कुछ भी करने को आमादा प्रशासनिक तंत्र को अपने बुजुर्ग दादा की मौत का जिम्मेदार करार दिया है। जिनकी मौत एलडीए द्वारा लगाए गए आदेश/नोटिस को देखने के बाद होने का आरोप है। फिलहाल पूरे अकबर नगर में एलडीए की कार्रवाई से मानो मातम जैसा माहौल छाया हुआ है।

शुक्रवार देर रात तकरीबन 12 बजे के आसपास आनन फानन में एलडीए इंजीनियरों ने अकबर नगर में कमिश्नर द्वारा सवा सौ अपीलों को खारिज करके निर्माणों को ध्वस्त कराये जाने का रास्ता साफ करने संबंधी आदेश दुकानों पर चस्पा करना शुरू कर किया था।

हार्ट अटैक से थम गईं बुजुर्ग चुन्नीलाल की सांसें 

इसी दौरान अकबर नगर में अपने घर के सामने स्थित प्रतिष्ठान में एलडीए द्वारा लगाए जा रहे उक्त आदेश को देखने के बाद बुजुर्ग चुन्नीलाल (75 वर्ष) ने अपने परिजनों से पूछा, ये क्या हो रहा है। उनको जब पता चला कि अब घर खाली करने की नौबत आ चुकी है तो उनके मुंह से दर्दभरे लहजे में निकला कि इस बुढ़ापे में हम कहां जाएंगे। इतने साल हो गए। इसके बाद चुन्नीलाल अंदर चले गए। शनिवार सुबह परिजनों ने देखा तो बुजुर्ग चुन्नीलाल की सांसें हार्ट अटैक से थम चुकी थीं।

परिजन बादशाह नगर रेलवे अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें तकरीबन साढ़े दस बजे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद अकबर नगर के लोगों में एलडीए की कार्रवाई को लेकर आक्रोश फैल गया। हालांकि अभी चुन्नीलाल समेत लोगों के घरों पर आदेश नहीं चस्पा किया गया था। स्थानीय निवासियों के मुताबिक रात में भारी फोर्स लेकर आदेश/नोटिस को जबरन चस्पा किया गया है।

हमारे दादा की मौत के जिम्मेदार एलडीए वाले : रत्नेश

मृतक बुजुर्ग चुन्नीलाल के पोते रत्नेश ने बताया कि उनके घर के सामने नोटिस चस्पा होते देख दादा रात भर बात करते रहे कि हम लोग यहां 50 वर्षों से रह रहे हैं। घर छोड़कर आखिर कहां जायेंगे। इसी कारण हार्ट अटैक आया और उन्होंने दुनिया छोड़ दी। कहीं न कहीं हमारे दादा की मौत के जिम्मेदार एलडीए वाले ही है।

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